34 मगर तुम खुद पर ध्यान दो कि हद-से-ज़्यादा खाने और पीने+ से और ज़िंदगी* की चिंताओं+ के भारी बोझ से कहीं तुम्हारे दिल दब न जाएँ और वह दिन तुम पर पलक झपकते ही अचानक
6 इसलिए परमेश्वर के शक्तिशाली हाथ के नीचे खुद को नम्र करो ताकि वह सही वक्त पर तुम्हें ऊँचा करे।+7 और इस दौरान तुम अपनी सारी चिंताओं* का बोझ उसी पर डाल दो+ क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।+