20 अगले दिन सुबह वे जल्दी उठे और तकोआ के वीराने+ में गए। जब वे जा रहे थे तो यहोशापात खड़ा हुआ और कहने लगा, “यहूदा और यरूशलेम के लोगो, मेरी सुनो! तुम अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो ताकि तुम मज़बूत खड़े रह सको।* उसके भविष्यवक्ताओं पर विश्वास रखो+ और तुम कामयाब होगे।”
20 उसने कहा, “अपने विश्वास की कमी की वजह से। मैं तुमसे सच कहता हूँ, अगर तुम्हारे अंदर राई के दाने के बराबर भी विश्वास है, तो तुम इस पहाड़ से कहोगे, ‘यहाँ से हटकर वहाँ चला जा’ और वह चला जाएगा और तुम्हारे लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं होगा।”+
23 मैं तुमसे सच कहता हूँ कि जो कोई इस पहाड़ से कहे, ‘यहाँ से उखड़कर समुंदर में जा गिर,’ और अपने दिल में शक न करे मगर विश्वास रखे कि उसने जो कहा है वह ज़रूर होगा, तो उसके लिए वह हो जाएगा।+
6 तब प्रभु ने कहा, “अगर तुम्हारे अंदर राई के दाने के बराबर भी विश्वास है, तो तुम शहतूत के इस पेड़ से कहोगे, ‘यहाँ से उखड़कर समुंदर में जा लग!’ और वह तुम्हारा कहना मानेगा।+
9 यह आदमी पौलुस की बातें ध्यान से सुन रहा था। पौलुस ने उसे गौर से देखा और जान गया कि उस आदमी में विश्वास है और उसे यकीन भी है कि वह ठीक हो सकता है।+10 इसलिए पौलुस ने ऊँची आवाज़ में कहा, “अपने पाँवों के बल सीधा खड़ा हो जा।” तब वह उछलकर खड़ा हो गया और चलने लगा।+