46 तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर उनसे कहा, “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन पहले तुम यहूदियों को सुनाया जाए।+ मगर तुम इसे ठुकरा रहे हो और दिखा रहे हो कि तुम हमेशा की ज़िंदगी के लायक नहीं हो, इसलिए देखो! हम दूसरे राष्ट्रों के पास जा रहे हैं।+
2 इसलिए कि मैं उनके बारे में गवाही देता हूँ कि उनमें परमेश्वर की सेवा के लिए जोश तो है,+ मगर सही ज्ञान के मुताबिक नहीं। 3 वे नहीं जानते थे कि परमेश्वर की नज़र में नेक ठहरने के लिए क्या ज़रूरी है।+ इसलिए वे अपने तरीके से खुद को नेक ठहराने की कोशिश करते रहे+ और परमेश्वर के नेक स्तरों पर नहीं चले।+