“जा! और उन लोगों से कह,
‘तुम बार-बार सुनोगे, फिर भी न समझोगे,
बार-बार देखोगे, फिर भी न सीखोगे।’+
10 उन लोगों का मन सुन्न कर दे,+
उनके कान बहरे कर दे,+
उनकी आँखें बंद कर दे
कि आँखें होते हुए भी वे देख न सकें,
कान होते हुए भी सुन न सकें,
उनका मन बातों को समझ न सके
और वे पलटकर लौट न आएँ और चंगे हो जाएँ।”+