21 वे उस शहर में खुशखबरी सुनाने और कई चेले बनाने के बाद लुस्त्रा, इकुनियुम और अंताकिया लौट गए। 22 वहाँ उन्होंने चेलों की हिम्मत बँधायी+ और यह कहकर उन्हें अपना विश्वास मज़बूत बनाए रखने का बढ़ावा दिया, “हमें बहुत तकलीफें झेलकर ही परमेश्वर के राज में दाखिल होना है।”+