11 उसने जो पीड़ाएँ सहीं, उन्हें देखकर उसे संतोष मिलेगा।
मेरा नेक जन, मेरा सेवक+ अपने ज्ञान से,
कई लोगों की मदद करेगा कि वे नेक ठहरें।+
वह उनके गुनाह अपने ऊपर ले लेगा।+
12 इसलिए मैं उसे बहुतों के साथ हिस्सा दूँगा,
वह शूरवीरों के साथ लूट का माल बाँटेगा,
क्योंकि उसने अपनी जान कुरबान कर दी,+
वह अपराधियों में गिना गया,+
वह बहुतों का पाप उठा ले गया+
और अपराधियों की खातिर उसने बिनती की।+