15 फिलिप्पी के भाइयो, तुम यह भी जानते हो कि जब तुमने पहली बार खुशखबरी सुनी और मैं मकिदुनिया से रवाना हुआ, तो तुम्हारे अलावा किसी भी मंडली ने न तो मेरी मदद की और न मुझसे मदद ली।+ 16 क्योंकि जब मैं थिस्सलुनीके में था, तब तुमने मेरी ज़रूरत पूरी करने के लिए मुझे एक बार नहीं बल्कि दो बार कुछ भेजा था।