4 मैंने देखा है कि दूसरों से आगे निकलने की धुन में एक इंसान खूब मेहनत करता है और बड़ी महारत से अपना काम करता है।+ मगर यह भी व्यर्थ है और हवा को पकड़ने जैसा है।
7 तुझमें ऐसा क्या है जो तुझे दूसरों से बढ़कर समझा जाए? दरअसल, तेरे पास ऐसा क्या है जो तूने पाया न हो?+ अगर तूने इसे पाया है, तो तू इस तरह शेखी क्यों मारता है मानो तूने नहीं पाया?