9 मगर शाऊल पर अब भी प्रभु के चेलों को धमकाने और मार डालने का जुनून सवार था।+ इसलिए वह महायाजक के पास गया 2 और उससे दमिश्क शहर के सभा-घरों के नाम चिट्ठियाँ माँगीं ताकि ‘प्रभु की राह’ पर चलनेवाला जो भी मिले, चाहे आदमी हो या औरत, उन्हें गिरफ्तार करके यरूशलेम ले आए।+