29 जब इसराएल को लगा कि अब वह ज़्यादा दिन नहीं जीएगा+ तो उसने अपने बेटे यूसुफ को पास बुलाया और उससे कहा, “बेटा, तू मुझ पर एक मेहरबानी कर। मेरी जाँघ के नीचे अपना हाथ रखकर शपथ खा कि तू मुझे मिस्र में नहीं दफनाएगा।+ देख, मेरा भरोसा मत तोड़ना और मेरे साथ वफादारी निभाना।