5 मगर तू ढीठ हो चुका है और तेरा दिल पश्चाताप करने को तैयार नहीं। इस तरह तू परमेश्वर के क्रोध के उस दिन के लिए क्रोध जमा कर रहा है, जब वह अपने नेक स्तरों के मुताबिक न्याय करेगा।+
7 मगर परमेश्वर के उसी वचन से, आज के आकाश और पृथ्वी को आग से भस्म करने के लिए रखा गया है और उन्हें न्याय के दिन और भक्तिहीन लोगों के नाश के दिन तक ऐसे ही रखा जाएगा।+