5 इसलिए याद कर कि तू कहाँ से गिरा है और पश्चाताप कर+ और पहले जैसे काम कर। अगर तू पश्चाताप नहीं करेगा+ तो मैं तेरे पास आऊँगा और तेरी दीवट+ को उसकी जगह से हटा दूँगा।
3 इसलिए तूने जो-जो पाया और सुना है उस पर हमेशा ध्यान दे* और उस पर चलता रह और पश्चाताप कर।+ अगर तू जागेगा नहीं तो मैं अचानक चोर की तरह आऊँगा+ और तुझे खबर भी नहीं होगी कि मैं किस घड़ी आऊँगा।+