4 मैं यूहन्ना एशिया प्रांत की सात मंडलियों को लिख रहा हूँ:+
मेरी दुआ है कि तुम्हें उसकी तरफ से यानी “जो था और जो है और जो आ रहा है,”+ महा-कृपा और शांति मिले और सात पवित्र शक्तियों की तरफ से भी+ जो उसकी राजगद्दी के सामने हैं।
6 और मैंने उस राजगद्दी के पास* और उन चार जीवित प्राणियों के बीच और उन प्राचीनों के बीच+ एक मेम्ना देखा+ जिसे मानो बलि किया गया था।+ उसके सात सींग और सात आँखें थीं। इन आँखों का मतलब परमेश्वर की सात पवित्र शक्तियाँ हैं+ जिन्हें सारी धरती पर भेजा गया है।