भजन
पहली किताब
(भजन 1-41)
1 सुखी है वह इंसान जो दुष्टों की सलाह पर नहीं चलता,
पापियों की राह पर खड़ा नहीं होता,+
न ही हँसी-ठट्ठा करनेवालों के साथ बैठता है।+
3 वह ऐसे पेड़ की तरह होगा जो बहते पानी के पास लगाया गया है,
जो समय पर फल देता है,
जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं।
वह आदमी अपने हर काम में कामयाब होगा।+
4 मगर दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते,
वे भूसी की तरह होते हैं जिसे हवा उड़ा ले जाती है।