गिनती
31 इसके बाद यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “मिद्यानियों ने इसराएलियों के साथ जो किया उसका उनसे बदला ले।+ इसके बाद तेरी मौत हो जाएगी।”*+
3 तब मूसा ने लोगों से कहा, “तुम अपने बीच से कुछ आदमियों को तैयार करो ताकि वे मिद्यान से लड़ें और यहोवा की तरफ से उससे बदला लें। 4 तुम इसराएल के हर गोत्र में से 1,000 आदमी चुनना और उन्हें युद्ध के लिए भेजना।” 5 इसराएली लाखों की तादाद में थे+ और हर गोत्र में से सेना के लिए हज़ार-हज़ार आदमी चुने गए। युद्ध के लिए तैयार सैनिकों की कुल गिनती 12,000 हो गयी।
6 फिर मूसा ने हर गोत्र से चुने गए उन हज़ार-हज़ार आदमियों की सेना को युद्ध के लिए रवाना किया और उसके साथ एलिआज़र के बेटे फिनेहास+ को भी भेजा जो इस सेना का याजक था। फिनेहास के हाथ में पवित्र बरतन और युद्ध की पुकार के लिए तुरहियाँ थीं।+ 7 इन आदमियों ने जाकर मिद्यानियों से युद्ध किया, ठीक जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी और उन्होंने हर मिद्यानी आदमी को मार डाला। 8 उन्होंने मिद्यान के पाँच राजाओं को भी मार डाला जिनके नाम थे एवी, रेकेम, सूर, हूर और रेबा। उन्होंने बओर के बेटे बिलाम+ को भी तलवार से मार डाला। 9 मगर उन्होंने मिद्यानी औरतों और बच्चों को बंदी बना लिया। और उन्होंने मिद्यानियों के सभी पालतू जानवरों और सभी मवेशियों को और उनका सारा माल लूट लिया। 10 उन्होंने मिद्यानियों की सभी छावनियों* और उन सभी शहरों को जलाकर राख कर दिया जहाँ वे बसे हुए थे। 11 और वे लूट का सारा माल और जानवरों और सभी बंदियों को लेकर निकल पड़े। 12 यह सब लेकर वे मूसा, एलिआज़र याजक और इसराएलियों की मंडली के पास आए जो यरीहो के सामने यरदन के पास, मोआब के वीरानों में डेरा डाले हुए थे।+
13 फिर मूसा, एलिआज़र याजक और मंडली के सभी प्रधान सेना से मिलने छावनी के बाहर गए। 14 मूसा युद्ध से लौटे उन अधिकारियों पर बहुत गुस्सा हुआ जो हज़ारों और सैकड़ों की टुकड़ियों के प्रधान चुने गए थे। 15 मूसा ने उनसे कहा, “तुमने सभी औरतों को क्यों ज़िंदा छोड़ दिया? 16 उन्होंने ही तो बिलाम के कहने पर इसराएली आदमियों को अपने जाल में फँसाया था और पोर के मामले में+ यहोवा से विश्वासघात करवाया था+ और इस वजह से यहोवा की मंडली पर कहर टूट पड़ा था।+ 17 इसलिए अब तुम ऐसी हर मिद्यानी औरत को मार डालो जिसने किसी आदमी के साथ यौन-संबंध रखा हो और उनके बच्चों में से सभी लड़कों को भी मार डालो। 18 सिर्फ उनकी लड़कियों को ज़िंदा छोड़ दो जिन्होंने कभी किसी आदमी के साथ यौन-संबंध नहीं रखा।+ 19 और तुम सब छावनी के बाहर सात दिन तक डेरा डाले रहना। तुममें से जिस-जिसने किसी को मार डाला है या किसी लाश को छुआ है,+ उसे तीसरे और सातवें दिन खुद को शुद्ध करना होगा।+ तुम और वे सभी जिन्हें तुम बंदी बनाकर लाए हो, खुद को शुद्ध करें। 20 और तुम हर कपड़े, चमड़े की हर चीज़, बकरी के बाल की बनी हर चीज़ और लकड़ी की हर चीज़ को शुद्ध करना।”
21 इसके बाद एलिआज़र याजक ने युद्ध से लौटे सैनिकों से कहा, “यहोवा ने मूसा को जो कानून दिया था उसमें यह नियम है: 22 ‘सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, टीन, सीसा 23 और ऐसी हर चीज़ जो आग से शुद्ध की जा सकती है, सिर्फ उसी को तुम आग में डालकर शुद्ध करना और वह शुद्ध हो जाएगी। इसके बाद तुम उन्हें पानी से भी शुद्ध करना।+ लेकिन जो चीज़ें आग से शुद्ध नहीं की जा सकतीं, उन्हें तुम पानी से धोना। 24 और तुम सातवें दिन अपने कपड़े धोना। तब तुम शुद्ध हो जाओगे और छावनी में आ सकते हो।’”+
25 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 26 “तू एलिआज़र याजक और मंडली के कुलों के मुखियाओं के साथ मिलकर लूट के सारे माल की गिनती लेना। इंसानों और जानवरों दोनों की गिनती लेना। 27 सारा माल दो हिस्सों में बाँटना, एक हिस्सा उन सभी सैनिकों को देना जो युद्ध में गए थे और दूसरा हिस्सा मंडली के बाकी लोगों को देना।+ 28 और जो सैनिक युद्ध में गए थे उनसे यहोवा के लिए कर लेना। उनको दिए गए हर 500 बंदियों, 500 गाय-बैलों, 500 गधों और 500 भेड़-बकरियों में से एक-एक लेकर परमेश्वर को देना। 29 सैनिकों को मिलनेवाले आधे हिस्से में से यह कर लेकर तुम यहोवा के लिए जो दान दोगे उसे तुम एलिआज़र याजक को देना।+ 30 और इसराएलियों को दिए आधे हिस्से में जितने बँधुए, गाय-बैल, गधे, भेड़-बकरियाँ और हर तरह के पालतू जानवर हैं, उनमें से हर 50 में से एक अलग निकालना और लेवियों को देना+ जो यहोवा के पवित्र डेरे से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं।”+
31 मूसा और एलिआज़र याजक ने ठीक वैसे ही किया जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 32 युद्ध में गए सैनिकों ने लूट के माल में से जो कुछ खा लिया था, उसके बाद जो माल बचा उसकी गिनती यह थी: भेड़-बकरियाँ 6,75,000 थीं, 33 गाय-बैल 72,000 थे 34 और गधे 61,000 थे। 35 जिन लड़कियों ने किसी आदमी के साथ यौन-संबंध नहीं रखा था,+ उनकी गिनती 32,000 थी। 36 युद्ध में गए सैनिकों को जो आधा हिस्सा दिया गया उसमें भेड़-बकरियों की गिनती 3,37,500 थी। 37 इनमें से 675 भेड़-बकरियाँ यहोवा के लिए कर में दी गयीं। 38 गाय-बैलों की गिनती 36,000 थी। इनमें से 72 गाय-बैल यहोवा के लिए कर में दिए गए। 39 और गधों की गिनती 30,500 थी। इनमें से 61 यहोवा के लिए कर में दिए गए। 40 और इंसानों की गिनती 16,000 थी। इनमें से 32 लोग यहोवा के लिए कर में दिए गए। 41 फिर मूसा ने यह सारा कर लिया जो यहोवा के लिए दान में दिया गया था और उसे एलिआज़र याजक को दिया,+ ठीक जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
42 मूसा ने युद्ध में गए सैनिकों को लूट का हिस्सा देने के बाद जो आधा हिस्सा इसराएलियों को दिया वह यह था: 43 भेड़-बकरियाँ 3,37,500 थीं, 44 गाय-बैल 36,000 थे, 45 गधे 30,500 थे 46 और इंसान 16,000 थे। 47 मूसा ने इसराएलियों के इस हिस्से में से कुछ इंसानों और जानवरों को अलग निकाला। उसने हर 50 इंसानों और जानवरों में से एक अलग निकाला और लेवियों को दिया+ जो यहोवा के पवित्र डेरे से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ सँभालते थे।+ मूसा ने ठीक वैसे ही किया जैसे यहोवा ने उसे आज्ञा दी थी।
48 इसके बाद मूसा के पास वे सभी अधिकारी आए, जो हज़ारों+ और सैकड़ों की टुकड़ियों के प्रधान चुने गए थे। 49 उन्होंने मूसा से कहा, “मालिक, हमने उन सभी सैनिकों की गिनती ली है जो हमारी कमान के नीचे हैं। उनकी गिनती पूरी है, एक भी सैनिक कम नहीं है।+ 50 इसलिए अब हममें से हर कोई यहोवा को कुछ भेंट देना चाहता है। हमें लूट में जो कुछ मिला है उसमें से हम सोने की ये सारी चीज़ें देना चाहते हैं: पायल, कंगन, मुहरवाली अँगूठियाँ, कान की बालियाँ और दूसरे ज़ेवर ताकि यहोवा के सामने हमारा प्रायश्चित हो।”
51 तब मूसा और एलिआज़र याजक ने उन अधिकारियों से सोने के सारे ज़ेवर स्वीकार किए। 52 हज़ारों और सैकड़ों की टुकड़ियों के प्रधानों ने जो सोना यहोवा को दान में दिया था उसका वज़न 16,750 शेकेल* था। 53 सेना में से हर आदमी को लूट के माल में से हिस्सा मिला था। 54 मूसा और एलिआज़र याजक ने हज़ारों और सैकड़ों की टुकड़ियों के प्रधानों से सोना स्वीकार किया। उन्होंने यह सारा सोना लाकर भेंट के तंबू में रखा ताकि वह यहोवा के सामने इसराएलियों के लिए यादगार बना रहे।