भजन
दाविद का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत: “भोर की हिरनी”* के मुताबिक।
22 हे मेरे परमेश्वर, मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?+
तू क्यों मुझे बचाने नहीं आता?
क्यों मेरी दर्द-भरी पुकार नहीं सुनता?+
7 मुझे देखनेवाले सभी मेरा मज़ाक बनाते हैं,+
मेरी खिल्ली उड़ाते हैं, सिर हिलाकर मुझ पर हँसते+ और कहते हैं:
8 “इसने खुद को यहोवा के हवाले कर दिया, वही इसे छुड़ाए!
वही इसे बचाए, यह परमेश्वर को इतना प्यारा जो है!”+
10 मुझे पैदा होते ही देखभाल के लिए तुझे सौंपा गया।
जब मैं माँ की कोख में था, तभी से तू मेरा परमेश्वर है।
14 मुझे पानी की तरह उँडेल दिया गया है,
मेरी हड्डियों के जोड़ खुल गए हैं।
15 मेरी ताकत ठीकरे की तरह सूख गयी है,+
मेरी जीभ तालू से चिपक गयी है,+
तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है।+
16 दुश्मनों ने कुत्तों की तरह मुझे घेर लिया है,+
दुष्टों की टोली मुझे धर-दबोचने पर है,+
वे शेर की तरह मेरे हाथ-पैर पर झपट पड़े हैं।+
17 मैं अपनी सारी हड्डियाँ गिन सकता हूँ,+
वे मुझे ताकते रहते हैं, मुझे घूरते हैं।
19 मगर हे यहोवा, तू मुझसे और दूर न रह,+
तू मेरी ताकत है, मेरी मदद के लिए जल्दी आ।+
23 यहोवा का डर माननेवालो, उसकी तारीफ करो!
याकूब के वंशजो, उसकी महिमा करो!+
इसराएल के वंशजो, उसकी श्रद्धा करो।
24 क्योंकि उसने ज़ुल्म सहनेवाले का दुख नज़रअंदाज़ नहीं किया, उससे घिन नहीं की,+
परमेश्वर ने उससे अपना मुँह नहीं फेरा।+
जब उसने मदद के लिए उसे पुकारा तो उसने सुना।+
तू हमेशा की ज़िंदगी का आनंद लेता रहे।*
27 धरती का कोना-कोना यहोवा को याद करेगा, उसकी तरफ मुड़ेगा।
राष्ट्रों के सभी परिवार तेरे सामने झुककर दंडवत करेंगे।+
29 धरती के सभी रईस* खाएँगे-पीएँगे और उसे दंडवत करेंगे,
वे सभी जो मिट्टी में मिल जाते हैं उसके आगे घुटने टेकेंगे,
उनमें से कोई अपनी जान नहीं बचा सकता।
30 उनके वंशज उसकी सेवा करेंगे,
आनेवाली पीढ़ी को यहोवा के बारे में बताया जाएगा।
31 वे आएँगे और उसकी नेकी के बारे में बताएँगे।
आनेवाली नसल को उसके कामों के बारे में बताएँगे।