पहला इतिहास
10 पलिश्ती लोग इसराएलियों से युद्ध कर रहे थे। इसराएली सेना पलिश्तियों से हारकर भाग गयी और बहुत-से इसराएली सैनिक गिलबो पहाड़ पर ढेर हो गए।+ 2 पलिश्ती सैनिक शाऊल और उसके बेटों का पीछा करते-करते उनके पास आ गए। उन्होंने शाऊल के बेटे योनातान, अबीनादाब और मलकीशूआ+ को मार डाला। 3 फिर उन्होंने शाऊल के साथ जमकर लड़ाई की और जब तीरंदाज़ों ने उसे देखा तो उसे घायल कर दिया।+ 4 तब शाऊल ने अपने हथियार ढोनेवाले सैनिक से कहा, “तू अपनी तलवार निकालकर मुझे घोंप दे ताकि ये खतनारहित आदमी मुझे बेरहमी से न मारें।”*+ मगर उसके सैनिक ने इनकार कर दिया क्योंकि ऐसा करने की उसकी हिम्मत नहीं हुई। तब शाऊल ने अपनी तलवार ली और खुद उस पर गिर गया।+ 5 जब शाऊल के हथियार ढोनेवाले सैनिक ने देखा कि वह मर गया है, तो वह सैनिक भी अपनी तलवार पर गिर पड़ा और मर गया। 6 इस तरह शाऊल और उसके तीन बेटे मर गए और उनके साथ-साथ उसके घराने के सभी लोग मर गए।+ 7 जब घाटी के इलाके में रहनेवाले सब इसराएलियों ने देखा कि सब लोग भाग गए हैं और शाऊल और उसके बेटे मर गए हैं, तो वे अपना-अपना शहर छोड़कर भागने लगे। फिर पलिश्ती आकर उन शहरों में रहने लगे।
8 अगले दिन जब पलिश्ती, मारे गए इसराएली सैनिकों के कपड़े और हथियार लेने आए तो उन्होंने गिलबो पहाड़ पर शाऊल और उसके बेटों की लाशें देखीं।+ 9 उन्होंने शाऊल का सिर काट लिया और उसका बख्तर और सभी हथियार निकाल लिए। उन्होंने पलिश्तियों के पूरे देश में संदेश भेजा कि यह खबर उनके मूरतों के मंदिरों तक और लोगों तक पहुँचायी जाए।+ 10 फिर उन्होंने शाऊल के हथियार ले जाकर अपने देवता के मंदिर में रखे और उसका सिर दागोन के मंदिर+ में लटका दिया।
11 जब गिलाद के याबेश में रहनेवालों+ ने सुना कि पलिश्तियों ने शाऊल के साथ क्या किया है,+ 12 तो उनके सभी योद्धा निकल पड़े और शाऊल और उसके बेटों की लाशें उठा लाए। वे उन लाशों को याबेश ले आए और उनकी हड्डियाँ याबेश में बड़े पेड़ के नीचे दफना दीं।+ और उन्होंने सात दिन तक उपवास किया।
13 इस तरह शाऊल मर गया क्योंकि वह यहोवा का विश्वासयोग्य न रहा और उसने यहोवा की आज्ञा न मानी,+ साथ ही उसने मरे हुओं से संपर्क करने का दावा करनेवाली औरत से पूछताछ की+ 14 बजाय इसके कि वह यहोवा से उसकी मरज़ी पूछता। इसलिए परमेश्वर ने उसे मार डाला और यिशै के बेटे दाविद को राज सौंप दिया।+