भजन
95 आओ, हम खुशी से यहोवा की जयजयकार करें!
अपने उद्धार की चट्टान के लिए जीत के नारे लगाएँ।+
7 क्योंकि वह हमारा परमेश्वर है
और हम उसके लोग हैं जिनकी वह चरवाही करता है,
आज अगर तुम उसकी आवाज़ सुनो,+
8 तो अपना दिल कठोर मत करना,
जैसे तुम्हारे पुरखों ने मरीबा* में किया था,+
वीराने में मस्सा* के दिन किया था।+
9 उन्होंने मेरी परीक्षा ली थी,+
मुझे चुनौती दी थी, इसके बावजूद कि उन्होंने मेरे काम देखे थे।+
10 मैं 40 साल उस पीढ़ी से घिन करता रहा और मैंने कहा,
“ये ऐसे लोग हैं जिनका दिल हमेशा भटक जाता है,
इन्होंने मेरी राहों को नहीं जाना।”
11 इसलिए मैंने क्रोध में आकर शपथ खायी,
“ये मेरे विश्राम में दाखिल न होंगे।”+