146 याह की तारीफ करो!+
मेरा रोम-रोम यहोवा की तारीफ करे।+
2 मैं सारी ज़िंदगी यहोवा की तारीफ करूँगा,
जब तक मैं ज़िंदा रहूँगा, अपने परमेश्वर की तारीफ में गीत गाऊँगा।
3 बड़े-बड़े अधिकारियों पर भरोसा मत रखना,
न ही किसी और इंसान पर, जो उद्धार नहीं दिला सकता।+
4 उसकी भी साँस निकल जाती है और वह मिट्टी में मिल जाता है,+
उसी दिन उसके सारे विचार मिट जाते हैं।+
5 सुखी है वह जिसका मददगार याकूब का परमेश्वर है,+
जो अपने परमेश्वर यहोवा पर आशा रखता है।+
6 उस परमेश्वर पर जो आकाश, धरती,
समुंदर और उनमें जो कुछ है, सबका बनानेवाला है,+
जो हमेशा विश्वासयोग्य रहता है।+
7 वह धोखा खाए हुओं को न्याय दिलाता है,
भूखों को रोटी देता है।+
यहोवा कैदियों को छुड़ाता है।+
8 यहोवा अंधों की आँखें खोलता है,+
यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है,+
यहोवा नेक लोगों से प्यार करता है।
9 यहोवा परदेसियों की रक्षा करता है,
अनाथ और विधवा की देखभाल करता है,+
मगर दुष्ट की चालें नाकाम कर देता है।+
10 यहोवा सदा के लिए राजा बना रहेगा,+
हे सिय्योन, तेरा परमेश्वर पीढ़ी-पीढ़ी तक राजा बना रहेगा।
याह की तारीफ करो!