भजन
निर्देशक के लिए हिदायत। मश्कील।* दाविद का यह गीत उस समय का है जब एदोमी दोएग शाऊल को बता देता है कि दाविद अहीमेलेक+ के घर गया था।
52 अरे दुष्ट, तू क्यों अपने बुरे कामों पर डींग मारता है?+
क्या तू जानता नहीं, परमेश्वर का अटल प्यार दिन-भर कायम रहता है?+
3 तू अच्छाई से नहीं बुराई से प्यार करता है,
तुझे सच के बजाय झूठ बोलना रास आता है। (सेला )
4 हे छली ज़बान,
तू नुकसान करनेवाली हर बात पसंद करती है!
5 इसलिए परमेश्वर तुझे गिराकर हमेशा के लिए नाश कर देगा,+
तुझे झपटकर पकड़ लेगा और तंबू से बाहर घसीट लाएगा,+
7 “देखो इस आदमी को, जिसने परमेश्वर की पनाह नहीं ली*+
बल्कि अपनी बेशुमार दौलत पर भरोसा किया,+
अपनी साज़िशों का सहारा* लिया।”