114 जब इसराएल मिस्र से बाहर निकला,+
याकूब का घराना दूसरी भाषा बोलनेवालों के बीच से निकला,
2 तब यहूदा उसका पवित्र-स्थान बना,
इसराएल उसका राज्य बना।+
3 यह देखकर सागर भाग गया,+
यरदन उलटी दिशा बहने लगी।+
4 पहाड़ मेढ़ों की तरह उछलने लगे,+
पहाड़ियाँ मेम्नों की तरह उछलने लगीं।
5 हे सागर, तू क्यों भागा?+
हे यरदन, तू क्यों उलटी दिशा बहने लगी?+
6 हे पहाड़ो, तुम क्यों मेढ़ों की तरह उछले?
हे पहाड़ियो, तुम क्यों मेम्नों की तरह उछलीं?
7 हे धरती, प्रभु के कारण थर-थर काँप,
याकूब के परमेश्वर के कारण काँप,+
8 जो चट्टान को नरकटोंवाले तालाब में बदल देता है,
चकमक चट्टान को पानी के सोतों में बदल देता है।+