भजन
कोरह के वंशजों का सुरीला गीत।+ गित्तीत* के सिलसिले में निर्देशक के लिए हिदायत।
मेरा तन और मन खुशी से जीवित परमेश्वर की जयजयकार करता है।
3 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा,
मेरे राजा और मेरे परमेश्वर,
देख! पंछी तेरी महान वेदी के पास आशियाना बनाता है,
अबाबील अपना घोंसला बनाती है,
जहाँ वह अपने बच्चों की देखभाल करती है!
4 सुखी हैं वे जो तेरे भवन में निवास करते हैं!+
वे लगातार तेरी तारीफ करते हैं।+ (सेला )
6 जब वे बाका घाटी* से होकर गुज़रते हैं,
तो वे उसे सोतों का इलाका समझते हैं
और शुरू की बारिश उसे आशीषों का ओढ़ना ओढ़ाती है।*
7 वे चलते जाते हैं, उनका दमखम बढ़ता ही रहता है,+
हर कोई सिय्योन में परमेश्वर के सामने हाज़िर होता है।
8 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन,
हे याकूब के परमेश्वर, मेरी दुआ सुन। (सेला )
10 क्योंकि तेरे आँगनों में एक दिन बिताना, कहीं और हज़ार दिन बिताने से कहीं बेहतर है!+
दुष्टों के तंबुओं में निवास करने के बजाय
अपने परमेश्वर के भवन की दहलीज़ पर खड़ा रहना मुझे ज़्यादा पसंद है।
11 क्योंकि यहोवा परमेश्वर हमारा सूरज+ और हमारी ढाल है,+
वह हम पर कृपा करता है, हमारा सम्मान बढ़ाता है।
जो निर्दोष चाल चलते हैं,
उन्हें यहोवा कोई भी अच्छी चीज़ देने से पीछे नहीं हटेगा।+