भजन
2 मैं यहोवा से कहूँगा, “तू मेरी पनाह और मेरा मज़बूत गढ़ है,+
मेरा परमेश्वर जिस पर मैं भरोसा करता हूँ।”+
3 वह तुझे बहेलिए के फंदे से,
जानलेवा महामारी से बचाएगा।
उसकी वफादारी+ एक बड़ी ढाल+ और सुरक्षा-दीवार ठहरेगी।
5 तुझे रात का खौफ नहीं सताएगा,+
न ही तू दिन में चलनेवाले तीरों से घबराएगा,+
6 न तो तुझे अँधेरे में पीछा करनेवाली महामारी का डर होगा,
न ही दिन-दोपहरी होनेवाली तबाही का डर होगा।
7 तेरे एक तरफ हज़ार लोग ढेर हो जाएँगे
और दायीं तरफ दस हज़ार गिर पड़ेंगे
मगर कोई खतरा तेरे पास तक नहीं फटकेगा।+
8 तू सिर्फ अपनी आँखों से यह सब देखेगा,
दुष्टों को सज़ा पाते देखेगा।
9 तूने कहा है, “यहोवा मेरी पनाह है,”
तूने परम-प्रधान को अपना निवास* बनाया है,+
10 इसलिए तुझ पर कोई संकट नहीं आएगा,+
कोई कहर तेरे तंबू के पास तक नहीं फटकेगा।
11 क्योंकि परमेश्वर तेरे बारे में अपने स्वर्गदूतों+ को हुक्म देगा
कि तेरी सब राहों में वे तेरी हिफाज़त करें।+
14 परमेश्वर ने कहा है, “वह मुझसे गहरा लगाव रखता है,* इसलिए मैं उसे बचाऊँगा।+
मैं उसकी रक्षा करूँगा क्योंकि वह मेरा नाम जानता है।*+
15 वह मुझे पुकारेगा और मैं उसे जवाब दूँगा।+
मैं संकट के समय उसके साथ रहूँगा।+
मैं उसे बचाऊँगा और सम्मान दिलाऊँगा।