दूसरा इतिहास
5 इस तरह सुलैमान ने यहोवा के भवन के लिए वह सारा काम पूरा किया जो उसे करना था।+ इसके बाद सुलैमान वह सारी चीज़ें भवन में ले आया जो उसके पिता दाविद ने पवित्र ठहरायी थीं।+ उसने सोना, चाँदी और बाकी सारी चीज़ें सच्चे परमेश्वर के भवन के खज़ानों में रख दीं।+ 2 तब सुलैमान ने इसराएल के सभी अगुवों को, यानी सभी गोत्रों के मुखियाओं और पिताओं के घरानों के प्रधानों को यरूशलेम बुलवाया ताकि वे दाविदपुर यानी सिय्योन से यहोवा के करार का संदूक ले आएँ। तब वे सभी यरूशलेम आए।+ 3 इसराएल के सभी आदमी सातवें महीने में त्योहार* के समय राजा के सामने इकट्ठा हुए।+
4 जब इसराएल के सारे अगुवे आए तो लेवियों ने करार का संदूक उठाया।+ 5 याजक और लेवी* करार का संदूक, भेंट का तंबू+ और उसमें रखी सारी पवित्र चीज़ें ले आए। 6 राजा सुलैमान और इसराएल की पूरी मंडली, जिसे उसने बुलवाया था, करार के संदूक के सामने हाज़िर थे। इतनी तादाद में भेड़ों और गाय-बैलों की बलि चढ़ायी गयी+ कि उनकी गिनती नहीं की जा सकती थी। 7 फिर याजक यहोवा के करार का संदूक उस जगह ले आए जो उसके लिए बनायी गयी थी। वे उसे भवन के भीतरी कमरे यानी परम-पवित्र भाग में ले आए और उसे करूबों के पंखों के नीचे रख दिया।+ 8 इस तरह करूबों के पंख उस जगह के ऊपर फैले हुए थे जहाँ संदूक रखा गया था और करूब, संदूक और उसके डंडों को ढाँपे हुए थे।+ 9 संदूक के डंडे इतने लंबे थे कि उनके सिरे पवित्र भाग से दिखते थे जो भीतरी कमरे के सामने था। मगर डंडों के सिरे बाहर से नहीं दिखायी देते थे। आज तक ये चीज़ें वहीं रखी हुई हैं। 10 संदूक में पत्थर की दो पटियाओं को छोड़ और कुछ नहीं था जो मूसा ने उसके अंदर रखी थीं। मूसा ने ये पटियाएँ होरेब में उस वक्त रखी थीं+ जब यहोवा ने इसराएलियों के साथ उनके मिस्र से निकलकर आते वक्त+ एक करार किया था।+
11 जब याजक पवित्र जगह से बाहर निकल आए (क्योंकि वहाँ मौजूद सभी याजकों ने खुद को पवित्र किया था,+ फिर चाहे वे किसी भी दल के थे)+ 12 तो आसाप,+ हेमान,+ यदूतून+ और उनके बेटों और भाइयों के दलों के सभी लेवी गायक+ बेहतरीन कपड़े पहने झाँझ, तारोंवाले बाजे और सुरमंडल बजाते हुए वेदी के पूरब में खड़े थे। उनके साथ 120 याजक तुरहियाँ फूँकते हुए खड़े थे।+ 13 तुरहियाँ फूँकनेवाले और गायक सुर-में-सुर मिलाकर यहोवा की तारीफ और उसका शुक्रिया अदा कर रहे थे। उनकी तुरहियों, झाँझ और दूसरे साज़ों की तेज़ आवाज़ गूँज रही थी और वे यह कहकर यहोवा की तारीफ कर रहे थे, “क्योंकि वह भला है, उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।”+ जब वे ऐसा कर रहे थे तो यहोवा का भवन बादल से भर गया।+ 14 बादल की वजह से याजक वहाँ खड़े होकर सेवा नहीं कर पाए क्योंकि सच्चे परमेश्वर यहोवा का भवन उसकी महिमा से भर गया था।+