यशायाह
9 लेकिन यह अंधकार वैसा नहीं होगा जैसा उस वक्त था जब देश पर मुसीबत आयी थी, जब बीते समय में जबूलून के देश और नप्ताली के देश को नीचा दिखाया गया था।+ मगर बाद में परमेश्वर उस देश का मान बढ़ाएगा, जो समुंदर के रास्ते पर और यरदन के इलाके में आता है और गैर-यहूदियों का गलील कहलाता है।
2 अंधकार में चलनेवालों ने तेज़ रौशनी देखी है,
जिस देश में घुप अँधेरा छाया था,
वहाँ के रहनेवालों पर रौशनी चमकी है।+
3 तूने उस राष्ट्र के लोगों की गिनती बढ़ायी है,
तूने उन्हें बहुत खुशियाँ दी हैं।
वे तेरे सामने ऐसे मगन हैं, जैसे कटाई के समय
और लूट का माल बाँटते समय लोग मगन होते हैं,
4 क्योंकि तूने उनके बोझ के जुए को, उनके कंधों पर रखे छड़ को,
उनसे काम लेनेवाले जल्लादों की लाठी को तोड़ दिया है,
जैसा तूने मिद्यानियों के दिनों में किया था।+
5 ज़मीन को हिलाकर रख देनेवाले फौजी जूते
और खून से सने कपड़े आग में भस्म कर दिए जाएँगे।
उसे* बेजोड़ सलाहकार,+ शक्तिशाली ईश्वर,+ युग-युग का पिता और शांति का शासक कहा जाएगा।
वह अपने राज में दाविद की राजगद्दी पर बैठेगा,+
वह अपना राज मज़बूती से कायम करेगा,+
वह अब से हमेशा तक
न्याय और नेकी से उसे सँभाले रहेगा।+
सेनाओं का परमेश्वर यहोवा अपने जोश के कारण ऐसा ज़रूर करेगा।
8 यहोवा ने याकूब के खिलाफ पैगाम भेजा है,
इसराएल के खिलाफ संदेश भेजा है+
9 और यह बात एप्रैम और सामरिया के रहनेवाले,
हाँ, सब लोग जान लेंगे,
जो घमंड में चूर होकर और दिल की ढिठाई से कहते हैं,
गूलर के पेड़ काट डाले गए तो क्या हुआ,
हम उनकी जगह देवदार के पेड़ लगाएँगे।”
11 यहोवा रसीन के दुश्मनों को उसके खिलाफ खड़ा करेगा
और इसराएल के दुश्मनों को हमला करने के लिए उभारेगा।
12 पूरब से सीरिया और पश्चिम से पलिश्ती आएँगे,+
वे मुँह फाड़े इसराएल पर टूट पड़ेंगे और उसे खा जाएँगे।+
फिर भी परमेश्वर का क्रोध शांत नहीं होगा,
उसे मारने के लिए वह अपना हाथ बढ़ाए रखेगा,+
16 उसके अगुवे लोगों को गलत राह पर ले जाते हैं
और उनके पीछे चलनेवाले उलझन में हैं।
17 यहोवा उनके जवान आदमियों से खुश नहीं होगा,
अनाथों* और विधवाओं पर कोई रहम नहीं करेगा,
क्योंकि सब-के-सब दुष्ट हो गए हैं,
उन्होंने परमेश्वर से मुँह मोड़ लिया है,+
जिसे देखो, वह बेसिर-पैर की बातें करता है।
यही वजह है कि परमेश्वर का क्रोध शांत नहीं होगा,
बल्कि उन्हें मारने के लिए वह अपना हाथ बढ़ाए रखेगा।+
18 दुष्टता धधकती आग की तरह है,
जो कँटीली झाड़ियों और जंगली पौधों को भस्म कर देती है,
जंगल की घनी झाड़ियों में आग लगा देती है,
जिसका धुआँ आसमान की तरफ उठने लगता है।
19 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के क्रोध ने पूरे देश में आग लगा दी है।
लोगों को ईंधन की तरह इस आग में डाला जाएगा,
ऐसा हाल होगा कि भाई, भाई को नहीं छोड़ेगा।
20 वे अपने दायीं तरफ माँस का टुकड़ा काटकर खाएँगे,
फिर भी भूखे रह जाएँगे।
अपने बायीं तरफ माँस का टुकड़ा नोचेंगे,
फिर भी उनका पेट नहीं भरेगा।
मगर वे दोनों मिलकर यहूदा से लड़ेंगे।+
यही वजह है कि परमेश्वर का क्रोध शांत नहीं होगा,
बल्कि उन्हें मारने के लिए वह अपना हाथ बढ़ाए रखेगा।+