होशे
10 “इसराएल अंगूर की सड़ी* बेल है जिस पर फल लगते हैं।+
उस पर जितने ज़्यादा फल लगते हैं वह उतनी ज़्यादा वेदियाँ खड़ी करता है,+
उसकी ज़मीन जितनी अच्छी उपज देती है उसके पूजा-स्तंभ उतने ही शानदार होते हैं।+
2 उनका दिल कपटी है,
अब वे दोषी पाए जाएँगे।
ऐसा कोई है जो उनकी वेदियाँ तोड़ डालेगा, उनके पूजा-स्तंभ नाश कर देगा।
3 अब वे कहेंगे, ‘हमारा कोई राजा नहीं,+ क्योंकि हमने यहोवा का डर नहीं माना।
अगर राजा होता भी तो वह हमारे लिए क्या कर पाता?’
4 वे खोखली बातें कहते हैं, झूठी शपथ खाते हैं+ और करार करते हैं,
इसलिए अन्याय ऐसा बढ़ गया है, जैसे ज़हरीले पौधे कूँड़ों में देखते-ही-देखते उग आते हैं।+
5 सामरिया के निवासी बेत-आवेन के बछड़े की मूरत के लिए डरेंगे।+
वहाँ के लोग उसके लिए मातम मनाएँगे,
पराए देवता के पुजारी भी मातम मनाएँगे, जो कभी उसकी और उसकी शान की वजह से खुशियाँ मनाते थे,
क्योंकि वह मूरत उनसे दूर बँधुआई में चली जाएगी।
6 वह मूरत अश्शूर ले जायी जाएगी ताकि एक महान राजा को तोहफे में दी जा सके।+
एप्रैम शर्मिंदा किया जाएगा,
इसराएल ने जो सलाह मानी थी उसकी वजह से वह शर्मिंदा किया जाएगा।+
7 सामरिया और उसके राजा को ज़रूर नाश किया जाएगा,+
वह उस टहनी जैसा होगा जिसे तोड़कर पानी में फेंक दिया गया हो।
8 बेत-आवेन की ऊँची जगह,+ जो इसराएल का पाप हैं,+ मिटा दी जाएँगी।+
उनकी वेदियों पर काँटे और कँटीली झाड़ियाँ उगेंगी।+
लोग पहाड़ों से कहेंगे, ‘हमें ढक लो!’
और पहाड़ियों से कहेंगे, ‘हम पर गिर पड़ो!’+
9 हे इसराएल, तू गिबा के दिनों से पाप करता आया है।+
वहाँ वे पाप में लगे रहे।
युद्ध ने गिबा में दुष्टों को पूरी तरह नहीं मिटाया।
10 मैं भी जब चाहूँ उन्हें सज़ा दूँगा।
जब उनके दोनों गुनाहों का बोझ उन पर लादा जाएगा,*
तब देश-देश के लोग उनके खिलाफ इकट्ठा होंगे।
अब मैं एप्रैम पर किसी को सवार कराऊँगा।*+
यहूदा हल जोतेगा, याकूब उसके लिए हेंगा खींचेगा।
12 अपने लिए नेकी के बीज बोओ और अटल प्यार की फसल काटो।
13 मगर तुमने दुष्टता के लिए हल जोता है
और बुराई की फसल काटी है,+
तुम छल का फल खा रहे हो,
क्योंकि तुमने अपने तौर-तरीकों पर,
अपने बेहिसाब योद्धाओं पर भरोसा रखा है।
14 तुम्हारे लोगों के बीच युद्ध का शोर सुनायी देगा,
तुम्हारे सारे किलेबंद शहर नाश हो जाएँगे,+
जैसे बेत-अरबेल को शलमान ने नाश किया था,
लड़ाई के दिन माँओं को उनके बच्चों के साथ पटककर मार डाला गया था।
15 हे बेतेल, तेरी घोर दुष्टता की वजह से तेरे साथ यही किया जाएगा।+
भोर को इसराएल का राजा ज़रूर नाश किया जाएगा।”+