आमोस
3 “इसराएल के लोगो, सुनो मैं यहोवा तुम्हें क्या संदेश दे रहा हूँ, इस पूरे घराने को क्या संदेश दे रहा हूँ जिसे मैं मिस्र से निकाल लाया था:
2 ‘मैं धरती के सब घरानों में से सिर्फ तुम्हीं को जानता हूँ।+
इसलिए मैं तुम्हारे सभी गुनाहों का हिसाब तुमसे माँगूँगा।+
3 अगर दो लोग आपस में मिलना तय न करें, तो क्या वे साथ-साथ चल सकेंगे?
4 अगर एक शेर को जंगल में शिकार न मिले तो क्या वह गरजेगा?
अगर एक जवान शेर ने कुछ पकड़ा न हो तो क्या वह अपनी माँद में से गुर्राएगा?
5 अगर ज़मीन पर फंदा न बिछा हो* तो क्या चिड़िया उसमें फँसेगी?
अगर फंदे में शिकार न फँसे तो क्या वह ऊपर उछलेगा?
6 अगर शहर में नरसिंगा फूँका जाए तो क्या लोग नहीं काँपेंगे?
अगर शहर में विपत्ति आए तो क्या इसके पीछे यहोवा का हाथ नहीं?
7 सारे जहान का मालिक यहोवा अपने सेवकों यानी भविष्यवक्ताओं को
राज़ की बात बताए बिना कोई भी काम नहीं करेगा।+
8 शेर गरजा है!+ कौन नहीं डरेगा?
सारे जहान के मालिक यहोवा ने यह बात कही है! कौन भविष्यवाणी नहीं करेगा?’+
9 ‘अशदोद की किलेबंद मीनारों पर
और मिस्र की किलेबंद मीनारों पर यह ऐलान करो:
“सामरिया के पहाड़ों के खिलाफ इकट्ठा हो जाओ,+
देखो, उसके यहाँ कितनी खलबली मची है,
कितनी धोखाधड़ी हो रही है!+
10 क्योंकि वे सही काम करना नहीं जानते,
वे मानो अपनी किलेबंद मीनारों में हिंसा और विनाश जमा कर रहे हों।” यहोवा का यह ऐलान है।’
11 इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है,
‘एक दुश्मन आकर देश को घेर लेगा,+
वह तेरी ताकत छीन लेगा,
तेरी किलेबंद मीनारों को लूट लिया जाएगा।’+
12 यहोवा कहता है,
‘आज सामरिया में लोग शानदार बिस्तरों और बढ़िया दीवानों* पर बैठते हैं।
उनमें से सिर्फ कुछ लोग ही बचाए जाएँगे,
जैसे चरवाहा शेर के मुँह से बस दो पैर या कान का एक टुकड़ा खींच पाता है।’+
13 सारे जहान का मालिक, सेनाओं का परमेश्वर यहोवा ऐलान करता है, ‘सुनो और याकूब के घराने को चेतावनी दो।’*
14 ‘जिस दिन मैं इसराएल से उसकी सारी बगावत* का हिसाब माँगूँगा,+
उस दिन मैं बेतेल की वेदियों से भी हिसाब माँगूँगा,+
वेदी के सींग काटकर ज़मीन पर गिरा दिए जाएँगे।+
15 मैं जाड़े के मकान और गरमियों के मकान, दोनों ढा दूँगा।’