भजन
दाविद का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत।
2 जैसे धुआँ उड़ाया जाता है, वैसे ही तू उन्हें उड़ा दे,
जैसे मोम आग के सामने पिघल जाता है,
वैसे ही दुष्ट परमेश्वर के सामने मिट जाएँ।+
4 परमेश्वर के लिए गीत गाओ, उसके नाम की तारीफ में गीत गाओ।*+
उस परमेश्वर के लिए गाओ जिसकी सवारी वीरानों से गुज़रती है।*
उसका नाम याह* है!+ उसके आगे आनंद मनाओ!
मगर जो ढीठ* हैं उन्हें सूखे देश में रहना पड़ेगा।+
8 तो तेरे सामने धरती डोलने लगी,+
आसमान पानी बरसाने* लगा,
इसराएल के परमेश्वर के सामने यह सीनै पहाड़ काँपने लगा।+
10 उन्होंने तेरी छावनी में बसेरा किया,+
हे परमेश्वर, तूने गरीबों की ज़रूरतें पूरी करके अपनी भलाई का सबूत दिया।
12 राजा अपनी सेनाओं को लेकर भाग जाते हैं!+ हाँ, वे भाग जाते हैं!
घर में रहनेवाली औरतों को भी लूट का हिस्सा मिलता है।+
13 तुम आदमियों को भले ही अलावों* के पास लेटना पड़ा,
मगर वहाँ तुम्हें ऐसी फाख्ता मिलेगी
जिसके पर चाँदी के और डैने शुद्ध* सोने के होंगे।
14 जब सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने उसके राजाओं को तितर-बितर कर दिया,+
तो ज़लमोन पहाड़ में बर्फबारी होने लगी।*
16 हे चोटियोंवाले पहाड़, तू क्यों उस पहाड़ को जलन से देखता है
बेशक उसी पहाड़ पर यहोवा सदा निवास करेगा।+
17 परमेश्वर के युद्ध-रथों की गिनती हज़ारों-लाखों में है।+
यहोवा सीनै पहाड़ से पवित्र जगह में आया है।+
18 हे याह, हे परमेश्वर, तू ऊँचे पर चढ़ा+
और बंदियों को ले गया,
आदमियों के रूप में तोहफे ले गया,+
हाँ, ढीठ लोगों+ को भी ले गया ताकि तू उनके बीच निवास करे।
22 यहोवा ने कहा है, “मैं उन्हें बाशान से वापस लाऊँगा,+
समुंदर की गहराइयों से निकाल लाऊँगा
23 ताकि उन दुश्मनों के खून से तुम्हारे पैर लथपथ हो जाएँ+
और तुम्हारे कुत्ते उनका खून चाटें।”
24 हे परमेश्वर, वे तेरी जीत का जुलूस देखते हैं,
मेरे परमेश्वर का, मेरे राजा का जुलूस देखते हैं जो पवित्र जगह की तरफ बढ़ता है।+
25 गायक सबसे आगे होते हैं, उनके पीछे तारोंवाले बाजे बजाते संगीतकार होते हैं,+
दोनों दलों के बीच डफली बजाती जवान औरतें चलती हैं।+
26 जहाँ लोगों की भीड़ जमा है, वहाँ* परमेश्वर की तारीफ करो,
इसराएल के सोते से निकले हुए लोगो, यहोवा की तारीफ करो।+
27 वहाँ सबसे छोटा गोत्र बिन्यामीन+ उन्हें अपने अधीन कर रहा है,
साथ ही यहूदा के हाकिम और उनके लोगों की भीड़,
जबूलून के हाकिम और नप्ताली के हाकिम भी उन्हें अपने अधीन कर रहे हैं।
28 तेरे परमेश्वर ने तय किया है कि तू ताकतवर होगा।
हे परमेश्वर, जैसे तूने हमारी खातिर ताकत दिखायी थी, वैसे अब भी दिखा।+
30 नरकटों में रहनेवाले जंगली जानवरों को
और बैलों के झुंड+ और उनके बछड़ों को तब तक डाँट,
जब तक कि देश-देश के लोग चाँदी के टुकड़े लाकर तुझे दंडवत नहीं करते।*
तू उन लोगों को तितर-बितर कर देता है जिन्हें युद्ध करने में मज़ा आता है।
33 उसके लिए, जो मुद्दतों से कायम ऊँचे आसमानों पर सवार है,+
सुनो! उसकी आवाज़ क्या ही बुलंद है! देखो, कैसे गरज रही है!
34 कबूल करो कि परमेश्वर में ताकत है।+
उसका प्रताप इसराएल पर छाया है,
उसकी ताकत आसमान में है।
35 अपने शानदार भवन से निकलता परमेश्वर क्या ही विस्मयकारी दिखायी पड़ता है।+
वह इसराएल का परमेश्वर है,
जो अपनी प्रजा को ताकत और शक्ति देता है।+
परमेश्वर की तारीफ हो।