यशायाह
2 तुम्हारे गुनाह ही तुम्हें अपने परमेश्वर से दूर ले गए हैं।+
तुम्हारे पापों की वजह से ही उसने अपना मुँह फेर लिया है
और वह तुम्हारी नहीं सुनना चाहता।+
तुम्हारे होंठ झूठ बोलते हैं+ और तुम्हारी ज़बान बुरी बातें।
4 कोई भी नेकी की बातों का ऐलान नहीं करता,+
कोई भी सच बोलने के लिए अदालत नहीं जाता,
लोग खोखली बातों पर भरोसा करते हैं+ और बेकार की बातें करते हैं।
उन्हें मुसीबत का गर्भ ठहरता है और वे बुराई को जन्म देते हैं।+
5 वे ज़हरीले साँप के अंडे देते हैं,
अंडा फूटने पर उसमें से ज़हरीला साँप निकलता है।
जो उन अंडों को खाएगा, मर जाएगा।
वे लोग मकड़ी का जाल भी बुनते हैं,+
उनके काम तबाही मचाते हैं,
वे खून-खराबा करते हैं।+
वे अपने मन में बुरा करने की सोचते हैं,
दूसरों को बरबाद करना और दुख देना ही उनका काम है।+
उन्होंने अपने रास्ते टेढ़े-मेढ़े बना लिए हैं,
जो कोई उन पर चलता है उसे शांति नहीं मिलेगी।+
9 इसीलिए इंसाफ हमसे कोसों दूर है
और नेकी हम तक पहुँच नहीं पाती।
हम रौशनी की उम्मीद करते रहते हैं, पर अँधेरा ही मिलता है,
हम उजाले की आस देखते रहते हैं, मगर घुप अँधेरे में चलते हैं।+
भरी दोपहरी में ऐसे ठोकर खाते हैं मानो शाम का अँधेरा छा गया हो।
ताकतवरों के बीच हम ज़िंदा लाश बनकर रह गए हैं।
11 हम सब भालू की तरह गुर्राते हैं,
फाख्ते की तरह विलाप करते हैं।
हम न्याय की उम्मीद करते हैं, मगर हमें न्याय नहीं मिलता,
उद्धार की आस लगाते हैं, मगर वह हमसे कोसों दूर है,
हम अपने अपराधों से अनजान नहीं,
हमें अपने गुनाह अच्छी तरह मालूम हैं।+
13 हमने अपराध किया और यहोवा को जानने से इनकार किया,
अपने परमेश्वर के पीछे चलना छोड़ दिया।
14 न्याय को खदेड़ दिया गया है+
और नेकी दूर हटकर खड़ी हो गयी है,+
क्योंकि शहर के चौक पर सच्चाई* दम तोड़ रही है
और सीधाई अंदर नहीं आ पा रही है।
यह देखकर यहोवा को बहुत गुस्सा आया
कि कहीं भी न्याय नहीं रहा।+
16 उसे ताज्जुब हुआ कि कोई कुछ नहीं कर रहा,
उनकी तरफ से बोलनेवाला एक भी आदमी नहीं।
तब उसने अपने बाज़ू की ताकत से उद्धार दिलाया*
और उसकी नेकी ने उसका साथ दिया।
बदला लेने की पोशाक
और जोश का चोगा पहन लिया।+
18 वह उन्हें उनके कामों का फल देगा:+
अपने शत्रुओं पर क्रोध बरसाएगा, दुश्मनों को दंड देगा+
और द्वीपों को उनके किए की सज़ा देगा।
19 तब पश्चिम के लोग यहोवा के नाम का डर मानेंगे,
पूरब के लोग उसकी महिमा देखकर खौफ खाएँगे,
क्योंकि वह नदी की तेज़ धारा की तरह चला आएगा,
मानो यहोवा की ज़ोरदार शक्ति उसे बहाकर ला रही हो।
20 यहोवा ऐलान करता है, “सिय्योन में छुड़ानेवाला+ आ रहा है!+
वह याकूब के उन वंशजों के लिए आ रहा है, जिन्होंने अपराध छोड़ दिया है।”+
21 यहोवा कहता है, “मैं उनके साथ यह करार करूँगा:+ मेरी पवित्र शक्ति जो तुझ पर ठहरी है और मेरी बातें जो मैंने तेरे मुँह में डाली हैं, वे तेरे, तेरे बच्चों और पोतों के मुँह से कभी नहीं ली जाएँगी, न तो आज और न ही आगे कभी।” यह बात यहोवा ने कही है।