भजन
आसाप+ का सुरीला गीत।
3 वे धूर्त तरीके से, चोरी-छिपे तेरे लोगों के खिलाफ साज़िशें कर रहे हैं,
तेरे अज़ीज़ लोगों* के खिलाफ चाल चल रहे हैं।
4 वे कहते हैं, “आओ, हम इस पूरे राष्ट्र को नाश कर दें+
ताकि इसराएल का नाम हमेशा के लिए भुला दिया जाए।”
11 उनके रुतबेदार लोगों का वही हाल कर जो ओरेब और ज़ाएब का हुआ था,+
उनके हाकिमों* के साथ वही कर जो जेबह और सलमुन्ना के साथ हुआ था,+
12 क्योंकि उन्होंने कहा है, “चलो, हम उस देश पर कब्ज़ा कर लें जहाँ परमेश्वर निवास करता है।”
13 हे मेरे परमेश्वर, उन्हें उखड़े हुए पौधे जैसा कर दे जो यहाँ-वहाँ उड़ाया जाता है,+
सूखी घास जैसा कर दे जिसे हवा इधर से उधर उड़ाती है।
14 जैसे आग जंगल को भस्म कर देती है,
शोला पहाड़ों को जला देता है,+
15 वैसे ही तू तेज़ आँधी चलाकर उनका पीछा कर,+
तूफान लाकर उनमें खौफ फैला दे।+
16 उनका मुँह अपमान से ढाँप दे
ताकि हे यहोवा, वे तेरे नाम की खोज करें।