भजन
2 कौन यहोवा के शक्तिशाली कामों का पूरी तरह ऐलान कर सकता है?
कौन उसके सभी कामों का बखान कर सकता है जो तारीफ के काबिल हैं?+
4 हे यहोवा, जब तू अपने लोगों पर कृपा करे* तो मुझे याद करना।+
मेरा खयाल रखना और मुझे बचा लेना
5 ताकि तू अपने चुने हुओं+ के साथ जो भलाई करता है, उसका मैं आनंद उठाऊँ,
तेरे राष्ट्र के साथ मिलकर खुशियाँ मनाऊँ,
तेरी विरासत के साथ मिलकर गर्व से तेरी तारीफ करूँ।
7 मिस्र में हमारे पुरखों ने तेरे आश्चर्य के कामों की कदर नहीं की।*
तेरा भरपूर अटल प्यार याद नहीं रखा
और लाल सागर के पास बगावत की।+
9 उसने लाल सागर को डाँटा और वह सूख गया,
वह उन्हें उसकी गहराइयों से ले गया मानो वह रेगिस्तान* हो,+
10 उसने उन्हें दुश्मन के हाथ से बचाया,+
बैरी के हाथ से छुड़ा लिया।+
14 वीराने में वे अपनी स्वार्थी इच्छाओं के आगे झुक गए,+
सूखे इलाके में उन्होंने परमेश्वर की परीक्षा ली।+
19 उन्होंने होरेब में एक बछड़ा बनाया,
धातु की मूरत* के आगे दंडवत किया।+
20 उन्होंने मेरी महिमा करने के बजाय,
घास खानेवाले बैल की मूरत की महिमा की।+
21 वे अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गए,+
जिसने मिस्र में बड़े-बड़े काम किए थे,+
22 हाम के देश में आश्चर्य के काम किए थे,+
लाल सागर के पास विस्मयकारी काम किए थे।+
23 वह उन्हें मिटाने की आज्ञा देने ही वाला था
कि तभी उसके चुने हुए जन मूसा ने उससे फरियाद की*
कि वह अपनी जलजलाहट शांत करे जो उन्हें नाश कर सकती थी।+
26 इसलिए उसने अपना हाथ उठाकर शपथ खायी
कि वह उन्हें वीराने में ढेर कर देगा,+
27 उनके वंशजों को दूसरी जातियों के बीच ढेर कर देगा,
अलग-अलग देशों में तितर-बितर कर देगा।+
32 उन्होंने मरीबा* के सोते के पास परमेश्वर का क्रोध भड़काया,
उनकी वजह से मूसा के साथ बहुत बुरा हुआ।+
37 वे दुष्ट स्वर्गदूतों के लिए अपने बेटे-बेटियों का बलिदान चढ़ाते थे।+
38 वे मासूमों का खून बहाते रहे,+
अपने ही बेटे-बेटियों का खून बहाते रहे,
जिन्हें वे कनान की मूरतों को बलिदान चढ़ाते थे+
और सारा देश उनके बहाए खून से दूषित हो गया।
40 तब यहोवा का क्रोध अपने लोगों पर भड़क उठा,
उसे अपनी विरासत से घिन होने लगी।
43 कितनी ही बार उसने उन्हें छुड़ाया था,+
मगर हर बार वे उससे बगावत करते, उसकी आज्ञा तोड़ते,+
उनके गुनाहों की वजह से उन्हें नीचा किया जाता।+
47 हे यहोवा, हमारे परमेश्वर, हमें बचा ले+
और राष्ट्रों के बीच से हमें इकट्ठा कर ले+
ताकि हम तेरे पवित्र नाम की तारीफ करें
और तेरी तारीफ करने में बहुत खुशी पाएँ।+
48 इसराएल के परमेश्वर यहोवा की युग-युग तक* तारीफ होती रहे।+
और सब लोग कहें, “आमीन!”*
याह की तारीफ करो!*