पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद इब्रानियों का सारांश इब्रानियों सारांश 1 परमेश्वर ने अपने बेटे के ज़रिए बात की (1-4) बेटा स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है (5-14) 2 और भी ज़्यादा ध्यान दो (1-4) सबकुछ यीशु के अधीन किया गया (5-9) यीशु और उसके भाई (10-18) उनके उद्धार का खास अगुवा (10) दयालु महायाजक (17) 3 यीशु मूसा से भी महान (1-6) सबकुछ परमेश्वर ने बनाया है (4) विश्वास न होने के बारे में चेतावनी (7-19) “आज अगर तुम उसकी आवाज़ सुनो” (7, 15) 4 परमेश्वर के विश्राम में दाखिल न होना, एक खतरा (1-10) उसके विश्राम में दाखिल होने का बढ़ावा (11-13) परमेश्वर का वचन जीवित है (12) यीशु महान महायाजक (14-16) 5 यीशु इंसानी महायाजकों से श्रेष्ठ (1-10) मेल्कीसेदेक जैसा (6, 10) दुख सहकर आज्ञा माननी सीखी (8) हमेशा का उद्धार दिलाने की ज़िम्मेदारी (9) चेतावनी कि बच्चों जैसे न रहें (11-14) 6 प्रौढ़ता की तरफ बढ़ो (1-3) जो गिर जाते हैं वे बेटे को दोबारा काठ पर ठोंकते हैं (4-8) अपनी आशा के पूरा होने का पक्का भरोसा रखो (9-12) परमेश्वर का वादा पक्का है (13-20) परमेश्वर का वादा और शपथ बदल नहीं सकते (17, 18) 7 मेल्कीसेदेक: अनोखा राजा और याजक (1-10) मसीह का याजकपद श्रेष्ठ है (11-28) मसीह पूरी तरह उद्धार करने के काबिल (25) 8 डेरा स्वर्ग की बातों को दर्शाता है (1-6) पुराने और नए करार में फर्क (7-13) 9 धरती के पवित्र-स्थान में पवित्र सेवा (1-10) मसीह अपना खून लेकर स्वर्ग में दाखिल हुआ (11-28) नए करार का बिचवई (15) 10 जानवरों का बलिदान पापों को नहीं मिटा सका (1-4) कानून बस एक छाया (1) मसीह का बलिदान एक बार हमेशा के लिए (5-18) एक नयी और जीवित राह (19-25) एक-दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें (24, 25) जानबूझकर पाप करने से खबरदार (26-31) धीरज धरने का भरोसा और विश्वास (32-39) 11 विश्वास की परिभाषा (1, 2) विश्वास की मिसालें (3-40) विश्वास के बिना परमेश्वर को खुश करना नामुमकिन (6) 12 यीशु, हमारे विश्वास को परिपूर्ण करनेवाला (1-3) गवाहों का घना बादल (1) यहोवा की शिक्षा को तुच्छ मत समझो (4-11) अपने कदमों के लिए सीधी राह बनाओ (12-17) स्वर्ग की यरूशलेम के पास जाना (18-29) 13 आखिर में सलाह और नमस्कार (1-25) मेहमान-नवाज़ी करना मत भूलो (2) शादी आदर की बात समझी जाए (4) अगुवाई करनेवालों की आज्ञा मानो (7, 17) तारीफ का बलिदान चढ़ाओ (15, 16)