मत्ती
अध्ययन नोट—अध्याय 12
सब्त: शब्दावली देखें।
खेतों से होकर: शायद दो खेतों के बीच जो मेड़ होती है उससे होकर।
जो कानून के खिलाफ है: यहोवा ने आज्ञा दी थी कि इसराएली सब्त के दिन कोई काम न करें। (निर्ग 20:8-10) मगर किसे काम कहा जाएगा और किसे नहीं, यह तय करने का ज़िम्मा यहूदी धर्म गुरुओं ने अपने हाथ में ले लिया। उनके मुताबिक यीशु के चेले कटाई करने और अनाज दाँवने के दोषी थे, जबकि उन्होंने महज़ अनाज की बालें तोड़ीं और हाथों से मसलकर खायी थीं। (लूक 6:1, 2) ऐसा कहकर ये धर्म गुरु यहोवा की आज्ञा को कुछ ज़्यादा ही सख्ती से लागू कर रहे थे।
परमेश्वर के भवन: मर 2:26 का अध्ययन नोट देखें।
चढ़ावे की . . . रोटियाँ: या “नज़राने की रोटी।” इनके इब्रानी शब्दों का शाब्दिक मतलब है, “चेहरे की रोटी।” शब्द “चेहरा” कभी-कभी “मौजूदगी” को दर्शाता है। इसलिए “नज़राने की रोटी” हमेशा मानो यहोवा के चेहरे के सामने चढ़ावे के तौर पर रखी रहती थी।—निर्ग 25:30; कृपया शब्दावली में “चढ़ावे की रोटियाँ” और अति. ख5 देखें।
सब्त का नियम तोड़ते हैं: यानी वे सब्त के दिन को दूसरे दिनों की तरह मानते थे और जानवरों की बलि से जुड़े कई काम करते थे, जैसे उन्हें हलाल करते थे।—गि 28:9, 10.
इस बात का मतलब: इनके यूनानी शब्द एस्टीन (शाब्दिक मतलब “है”) का यह भी मतलब है, “सूचित करना; मतलब।”—मत 26:26 का अध्ययन नोट देखें।
बलिदान नहीं . . . दया करो: मत 9:13 का अध्ययन नोट देखें।
इंसान का बेटा: मत 8:20 का अध्ययन नोट देखें।
सब्त के दिन का प्रभु: खुद को यह उपाधि देकर (मर 2:28; लूक 6:5) यीशु ज़ाहिर कर रहा था कि उसे सब्त के दिन पर अधिकार दिया गया है ताकि वह अपने पिता का काम पूरा कर सके। (यूह 5:19; 10:37, 38 से तुलना करें।) यीशु ने जो अनोखे चमत्कार किए थे उनमें से कुछ उसने सब्त के दिन ही किए। इनमें बीमारों को ठीक करना शामिल था। (लूक 13:10-13; यूह 5:5-9; 9:1-14) ज़ाहिर है कि यह इस बात की झलक थी कि जब वह धरती पर राज करेगा तो वह कैसे लोगों को राहत दिलाएगा। उसके राज में सब्त के दिन की तरह सबको विश्राम मिलेगा।—इब्र 10:1.
हाथ: इसके यूनानी शब्द के कई मतलब हैं। इसका एक मतलब पूरी बाँह हो सकता है जिसमें पंजा और उँगलियाँ शामिल हैं।—मत 12:13 भी देखें।
से कितना ज़्यादा है!: मत 7:11 का अध्ययन नोट देखें।
किसी को न बताएँ कि वह कौन है: मर 3:12 का अध्ययन नोट देखें।
ताकि ये वचन पूरे हों जो भविष्यवक्ता यशायाह से कहलवाए गए थे: मत 1:22 का अध्ययन नोट देखें।
देखो!: मत 1:23 का अध्ययन नोट देखें।
जिसे मैंने मंज़ूर किया है: या “जिससे मैं अति प्रसन्न हूँ।” (मत 3:17 का अध्ययन नोट देखें।) यहाँ यश 42:1 की बात लिखी है और इब्रानी शब्द नेफेश के लिए यूनानी शब्द साइखी इस्तेमाल हुआ है जिसका अनुवाद “मैंने” किया गया है।—शब्दावली में “जीवन” देखें।
टिमटिमाती बाती: आम तौर पर घरों में मिट्टी के दीए होते थे। इनमें जैतून का तेल डाला जाता था और इनकी बाती अलसी के सन से बनी होती थी। “टिमटिमाती बाती” के लिए जो यूनानी शब्द इस्तेमाल किए गए हैं उनका मतलब हो सकता है, एक ऐसी बाती जो बस बुझनेवाली है या बुझ गयी है, लेकिन उसमें से अब भी धुआँ निकल रहा है। यश 42:3 में यीशु की करुणा के बारे में भविष्यवाणी की गयी है और बताया गया है कि वह दीन और कुचले हुए लोगों में उम्मीद की जो आखिरी लौ जल रही है, उसे नहीं बुझाएगा।
पूरी तरह न्याय करेगा: या “न्याय को जीत दिलाएगा।” यूनानी शब्द नीकोस का अनुवाद 1कुर 15:55, 57 में “जीत” किया गया है।
बाल-ज़बूल: शैतान को दिया एक नाम।—मत 10:25 का अध्ययन नोट देखें।
घर: यानी घराना। बाइबल की मूल भाषा में “घर” के लिए जो शब्द है उसका मतलब हो सकता है, एक परिवार या पूरा घराना, या फिर राजाओं का घराना जिसमें राजमहल से जुड़े लोग भी शामिल होते थे। (प्रेष 7:10; फिल 4:22) यह शब्द शाही खानदान के लिए भी इस्तेमाल होता था, जैसे हेरोदेस और रोमी सम्राट का खानदान, जिनमें अकसर झगड़े होते थे और तबाही मचती थी। मत्ती ने शहर के साथ “घर” का भी ज़िक्र यह दिखाने के लिए किया कि फूट पड़ने से इन दोनों का भी वही हाल होता है जो राज का होता है।
शैतान: मत 4:1 का अध्ययन नोट देखें।
बेटे: यहाँ इसका मतलब है, “शिष्य; चेले।”
वे: यानी “तुम्हारे बेटे।”
तुम्हारे न्यायी ठहरेंगे: यानी फरीसियों के बेटों के काम उनकी दलील झूठी साबित कर देते थे।
परमेश्वर की पवित्र शक्ति: या “परमेश्वर की ज़ोरदार शक्ति।” यीशु ने बाद में इसी विषय पर बात करते वक्त यह कहा कि वह “परमेश्वर की उँगली” से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है। यह ब्यौरा लूक 11:20 में दर्ज़ है।—लूक 11:20 का अध्ययन नोट देखें।
निंदा की बातें: ऐसी बातें जो परमेश्वर या पवित्र चीज़ों के खिलाफ कही जाती हैं, या जिनसे परमेश्वर की बदनामी या उसका अपमान होता है। परमेश्वर ही पवित्र शक्ति देता है, इसलिए जानबूझकर उस शक्ति के कामों का विरोध करना या उन्हें नकारना परमेश्वर की निंदा करना है। जैसे मत 12:24, 28 में लिखा है, यहूदी धर्म गुरु जानते थे कि यीशु पवित्र शक्ति की मदद से चमत्कार कर रहा है, फिर भी उन्होंने कहा कि वह शैतान की ताकत से चमत्कार कर रहा है।
दुनिया: या “दुनिया की व्यवस्था।” यूनानी शब्द आयॉन का बुनियादी मतलब है, “ज़माना।” मगर इसका यह भी मतलब हो सकता है, किसी दौर के हालात या कुछ खास बातें जो उस दौर या ज़माने को दूसरे दौर या ज़माने से अलग दिखाती हैं। यीशु कह रहा था कि जो कोई पवित्र शक्ति के खिलाफ बोलता है उसे न तो इस दुष्ट दुनिया में माफ किया जाएगा, जिस पर शैतान का राज है (2कुर 4:4; इफ 2:2; तीत 2:12) और न ही आनेवाली दुनिया में माफ किया जाएगा, जिस पर परमेश्वर का राज होगा और जिसमें सबको “हमेशा की ज़िंदगी” दी जाएगी (लूक 18:29, 30)।—शब्दावली में “दुनिया की व्यवस्था या व्यवस्थाएँ” देखें।
साँप के सँपोलो: मत 23:33 का अध्ययन नोट देखें।
विश्वासघाती: शा., “व्यभिचारी,” यानी परमेश्वर से विश्वासघात करनेवाली पीढ़ी।—मर 8:38 का अध्ययन नोट देखें।
योना . . . के चिन्ह: योना को जब बड़ी मछली के पेट से करीब तीन दिन बाद बचाया गया तो उसने कहा कि यह ऐसा था मानो उसे कब्र से निकाला गया हो। (यो 1:17–2:2) योना का बचाया जाना जितना सच था उतना ही सच यह था कि यीशु को तीसरे दिन कब्र से ज़िंदा किया जाता। फिर भी जब उसे ज़िंदा किया गया तो उसमें नुक्स निकालनेवाले पत्थरदिल लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया।
तीन दिन और तीन रात: बाइबल के दूसरे ब्यौरों से पता चलता है कि इन शब्दों का मतलब पूरे तीन दिन नहीं हैं। ये ब्यौरे यह भी दिखाते हैं कि भले ही एक दिन के कुछ ही घंटे बीते हों तो भी उसे पूरा दिन माना जा सकता था।—उत 42:17, 18; 1रा 12:5, 12; मत 27:62-66; 28:1-6.
देखो!: मत 1:23 का अध्ययन नोट देखें।
दक्षिण की रानी: यानी शीबा की रानी। माना जाता है कि उसका राज्य अरब देश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में था।—1रा 10:1.
भाई: यीशु के भाइयों के नाम मत 13:55 और मर 6:3 में दिए गए हैं।—शब्द “भाई” के मतलब के लिए मत 13:55 का अध्ययन नोट देखें।
तब किसी ने . . . चाहते हैं: कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में यह आयत हटा दी गयी है।
देखो, ये रहे मेरी माँ और मेरे भाई!: यहाँ यीशु अपने चेलों को भाई कहकर उनके और अपने भाइयों के बीच फर्क बता रहा था। ज़ाहिर है कि उसके भाई उस पर विश्वास नहीं करते थे। (यूह 7:5) इस तरह वह दिखा रहा था कि ‘उसके पिता की मरज़ी पूरी करनेवालों’ और उसके बीच का रिश्ता, सगे-संबंधियों से कहीं ज़्यादा मज़बूत है।—मत 12:50.