दाख-मदिरा का चढ़ावा, जो वेदी पर उँडेला जाता था और ज़्यादातर चढ़ावों के साथ दिया जाता था। पौलुस ने इस शब्द का इस्तेमाल लाक्षणिक तौर पर यह बताने के लिए किया कि वह किस तरह अपने मसीही भाई-बहनों के लिए खुद को पूरी तरह देने के लिए तैयार है।—गि 15:5, 7; फिल 2:17.