सुझाव 3 चलते-फिरते रहिए
“अगर कसरत एक गोली होती तो दुनिया के ज़्यादातर डॉक्टर, लोगों को यही गोली लेने की सलाह देते।”—एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन। अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए वैसे तो हम बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन जितना फायदा कसरत से होता है, उतना और किसी से नहीं होता।
❍ मेहनत कीजिए। चुस्त रहने से हम खुश रहेंगे, ज़्यादा अच्छी तरह सोच पाएँगे, हममें काम करने की ज़्यादा ताकत रहेगी और हम बेहतर तरीके से काम कर पाएँगे। साथ ही अगर हम सही तरह का खाना खाएँगे तो हम अपने वज़न को भी काबू में रख सकेंगे। लेकिन कसरत हद-से-ज़्यादा भी नहीं करनी चाहिए, ना ही इस तरह की जानी चाहिए कि शरीर में दर्द हो। नियमित तौर पर हफ्ते में कई बार हल्की-फुल्की कसरत करने से काफी फायदा हो सकता है।
दौड़ना, तेज़ चलना, साइकिल चलाना और खेल-कूद, यानी ऐसे काम करना जिनसे आपकी हृदय-गति तेज़ हो जाए और पसीना आए, इनसे हमारी सहन-शक्ति बढ़ती है और हम दिल के दौरे और स्ट्रोक से बचते हैं। साथ ही थोड़ा-बहुत वज़न उठाने और आसान-सी कसरत करने से भी आपकी माँस-पेशियाँ, हड्डियाँ और हाथ-पैर मज़बूत बनेंगे। इन कामों से शरीर का मेटाबोलिज़म (कोशिकाओं में होनेवाली रासायनिक क्रिया जिससे खाने को पचाकर ऊर्जा पैदा होती है और नए ऊतक बनते हैं) भी बढ़ता है, जिससे अपने आप शरीर का वज़न नियंत्रण में रहता है।
❍ पैदल चलिए। कसरत सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है और इसके लिए ज़रूरी नहीं कि किसी जिम की सदस्यता ली जाए। शुरूआत में अच्छा होगा कि कार या बस से जाने के बजाय आप पैदल चलें और लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। अगर आप किसी जगह पैदल जा सकते हैं, तो गाड़ी का इंतज़ार क्यों करना? और फिर हो सकता है कि आप पैदल जल्दी पहुँच जाएँ। माता-पिताओ, अपने बच्चों को खेलों में हिस्सा लेने का बढ़ावा दीजिए। इससे उनका शरीर मज़बूत होगा, सारे अंग अच्छी तरह काम करेंगे और अलग-अलग अंगों के बीच तालमेल बढ़ेगा। वीडियो गेम और बैठकर खेले जानेवाले खेलों से ये फायदे नहीं मिलते।
आप किसी भी उम्र में हल्की-फुल्की कसरत शुरू कर सकते हैं, इससे आपको फायदा होगा। अगर आपकी उम्र ज़्यादा है या आपको कोई बीमारी है और आपने काफी समय से कसरत नहीं की है, तो समझदारी इसी में होगी कि शुरूआत करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले ली जाए। मगर शुरू ज़रूर कीजिए! अगर कसरत धीरे-धीरे शुरू की जाए और हद-से-ज़्यादा न की जाए तो बुज़ुर्ग लोग भी अपनी हड्डियाँ और माँस-पेशियाँ मज़बूत बना सकते हैं। इससे उन्हें अपना संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी और वे गिरेंगे नहीं।
रुस्तम, जिसका ज़िक्र इस श्रृंखला के पहले लेख में किया गया था, उसे कसरत करने से काफी मदद मिली। सात साल पहले, उसने और उसकी पत्नी ने हफ्ते में पाँच बार सुबह दौड़ना शुरू किया। वह कहता है, “पहले-पहल तो हम ना जाने के लिए बहाने बनाते थे। लेकिन एक-दूसरे का साथ होने की वजह से सुबह-सुबह निकलने का हमारा जोश बना रहा। और अब तो यह हमारी आदत बन गयी है और हमें मज़ा भी आता है।” (g11-E 03)
[पेज 6 पर तसवीर]
कसरत मज़ेदार हो सकती है