गीत 82
‘तुम्हारी रौशनी चमके’
1. यीशु का फरमान है,
चमकाएँ हम नूर;
हम भी सूरज जैसे,
रोज़ चमकें भरपूर।
याह के पाक वचन से,
दें हम खुशखबरी
और फैलाएँ नूर याह का,
देके सच्-चा-ई।
2. चाहते हम सच्-चा-ई
सब का दिल छू ले
और इसकी चिंगारी
लौ बने उनमें।
खुशखबरी की ज्योत से
ज्योत जगाएँगे;
सच्-चा-ई चुन लें अगर
वो मशाल बनें।
3. नेक कामों से होता
रौशन ये जहान।
हम अपने लफ्ज़ों से
दूसरों को दें मान।
कोशिश हो हमारी
जलते दीप बनें।
चमकाएँ रौशनी जब हम
याह हो खुश हमसे।
(भज. 119:130; मत्ती 5:14, 15, 45; कुलु. 4:6 भी देखें।)