शादी
शादी की शुरूआत किसने की?
एक मसीही को किसे अपना जीवन-साथी चुनना चाहिए?
एक मसीही क्यों अपने बेटे या बेटी को किसी ऐसे से शादी करने की मंज़ूरी नहीं देगा, जिसका बपतिस्मा नहीं हुआ है?
इससे जुड़े किस्से:
उत 24:1-4, 7—बुज़ुर्ग अब्राहम ने ठान लिया था कि वह अपने बेटे इसहाक की शादी किसी कनानी लड़की से नहीं कराएगा, जो झूठी उपासना करती हो। इसके बजाय वह उसकी शादी ऐसी लड़की से कराएगा, जो यहोवा की सेवा करती हो
उत 28:1-4—इसहाक ने अपने बेटे याकूब से कहा कि उसे किसी भी कनानी लड़की से नहीं बल्कि ऐसी लड़की से शादी करनी चाहिए, जो यहोवा की सेवा करती हो
जब एक मसीही किसी ऐसे से शादी करता है जो यहोवा की सेवा नहीं करता, तो यहोवा को कैसा लगता है?
इससे जुड़े किस्से:
1रा 11:1-6, 9-11—यहोवा को सुलैमान पर बहुत गुस्सा आया क्योंकि उसने परमेश्वर के कानून के खिलाफ जाकर दूसरे देशों की औरतों से शादी कर ली। यही नहीं, वह उनके बहकावे में आकर झूठे देवी-देवताओं को पूजने भी लगे
नहे 13:23-27—यहोवा की तरह नहेमायाह को भी उन इसराएली आदमियों पर गुस्सा आया, जिन्होंने दूसरे देशों की औरतों से शादी कर ली थी। उसने उन्हें सुधारने के लिए फटकारा और सज़ा दी
किसी ऐसे से शादी करना क्यों सही है, जो वफादारी से यहोवा की सेवा करता हो और जिसका अच्छा नाम हो?
ये भी देखें: इफ 5:28-31, 33
इससे जुड़े किस्से:
1शम 25:2, 3, 14-17—नाबाल बहुत अमीर था, पर वह कठोर स्वभाव का था और एक अच्छा पति नहीं था
नीत 21:9—गलत जीवन-साथी चुनने से ज़िंदगी मुश्किल हो जाती है। एक व्यक्ति की खुशी और चैन छिन जाता है
रोम 7:2—पौलुस ने समझाया कि जब एक औरत शादी करती है, तो उसे अपने अपरिपूर्ण पति के अधीन रहना पड़ता है। इसलिए एक समझदार औरत बहुत सोच-समझकर अपना जीवन-साथी चुनती है
जब कोई शादी करने की सोचता है
शादी के बारे में सोचने से पहले क्यों एक आदमी को यह सोचना चाहिए कि वह परिवार की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है या नहीं?
इससे जुड़े किस्से:
नीत 24:27—घर बसाने से पहले एक आदमी को अच्छी तैयारी करने और कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है
जब एक लड़का-लड़की शादी के इरादे से मिलते हैं, तो उन्हें क्यों दूसरों से सलाह लेनी चाहिए? उन्हें क्यों एक-दूसरे के रंग-रूप पर ध्यान देने से ज़्यादा एक-दूसरे को अच्छी तरह जानने की कोशिश करनी चाहिए?
इससे जुड़े किस्से:
रूत 2:4-7, 10-12—बोअज़ ने ध्यान दिया कि रूत कितनी कड़ी मेहनत करती है, कैसे नाओमी का खयाल रखती है और यहोवा से कितना प्यार करती है। उसे भरोसेमंद लोगों से भी उसके बारे में पता चला। इस तरह बोअज़ जान पाया कि रूत कैसी है
रूत 2:8, 9, 20—रूत ने भी देखा कि बोअज़ एक अच्छा और दरियादिल इंसान है और वह यहोवा से प्यार करता है
शादी के इरादे से मिलते वक्त और मँगनी हो जाने पर एक लड़के-लड़की को क्यों ऐसे कामों से दूर रहना चाहिए, जो परमेश्वर की नज़र में अशुद्ध हैं?
इससे जुड़े किस्से:
नीत 5:18, 19—सिर्फ पति-पत्नी को इस तरह प्यार ज़ाहिर करना चाहिए
श्रेष 1:2; 2:6—चरवाहा और शूलेम्मिन लड़की ने एक-दूसरे के लिए सही तरीके से अपने प्यार का इज़हार किया
श्रेष 4:12; 8:8-10—शूलेम्मिन लड़की बंद बगिए जैसी थी, यानी उसने खुद की भावनाओं पर काबू रखा
एक आदमी-औरत को क्यों कानून के मुताबिक शादी करनी चाहिए?
पति की ज़िम्मेदारियाँ
यहोवा पतियों से क्या उम्मीद करता है?
एक अच्छा मुखिया बनने के लिए पति को किसकी तरह बनना चाहिए?
एक पति को क्यों अपनी पत्नी से प्यार करना चाहिए और उसकी ज़रूरतें और भावनाएँ समझनी चाहिए?
इससे जुड़े किस्से:
उत 21:8-12—यहोवा ने अब्राहम से कहा कि भले ही उसे अपनी पत्नी सारा का सुझाव अच्छा नहीं लगा, फिर भी उसे मानना चाहिए
नीत 31:10, 11, 16, 28—इन वचनों के मुताबिक, एक अच्छी पत्नी का पति समझ से काम लेता है। वह अपनी पत्नी को अपने काबू में रखने की कोशिश नहीं करता, ना ही उसमें नुक्स निकालता है। इसके बजाय वह उस पर भरोसा करता है और उसकी तारीफ करता है
इफ 5:33—पौलुस ने पत्नियों की एक खास ज़रूरत के बारे में बताया। वह यह कि उन्हें एहसास दिलाया जाए कि उनका पति उनसे प्यार करता है
पत्नी की ज़िम्मेदारियाँ
यहोवा ने पत्नियों को कौन-सी अहम ज़िम्मेदारियाँ दी हैं?
क्या परिवार में पत्नियों का दर्जा कम है?
इससे जुड़े किस्से:
नीत 1:8; 1कुर 7:4—परमेश्वर ने पत्नियों और माँओं को भी परिवार में कुछ अधिकार दिया
1कुर 11:3—पौलुस ने समझाया कि सिर्फ यहोवा को छोड़, बाकी सब किसी-न-किसी के अधीन हैं
इब्र 13:7, 17—मंडली में चाहे आदमी हों या औरत, सबको अगुवाई करनेवाले भाइयों के अधीन रहना है और उनकी आज्ञा माननी है
अगर एक मसीही बहन का पति साक्षी नहीं है, तब भी वह कैसे यहोवा को खुश कर सकती है?
एक मसीही पत्नी को अपने पति का आदर क्यों करना चाहिए?
इससे जुड़े किस्से:
उत 18:12; 1पत 3:5, 6—सारा अपने पति अब्राहम का गहरा आदर करती थी और दिल से उसे अपना “मालिक” या मुखिया मानती थी
बाइबल में कैसी पत्नियों की तारीफ की गयी है?
इससे जुड़े किस्से:
उत 24:62-67—रिबका ने अपने पति इसहाक की मदद की ताकि वह अपनी माँ की मौत के गम से उबर पाए
1शम 25:14-24, 32-38—अबीगैल ने अपने मूर्ख पति और पूरे घराने को बचाने के लिए नम्र होकर दाविद से दया की भीख माँगी
एस 4:6-17; 5:1-8; 7:1-6; 8:3-6—रानी एस्तेर ने परमेश्वर के लोगों को बचाने के लिए दो बार अपनी जान जोखिम में डाली और बिन बुलाए राजा के सामने गयी
समस्याएँ सुलझाना
जब शादी में मुश्किलें आती हैं, तो उन्हें सुलझाने के लिए पति-पत्नी कौन-से सिद्धांत मान सकते हैं?
पैसों के मामले में कौन-से सिद्धांत मानकर पति-पत्नी सही फैसले ले सकते हैं?
लूक 12:15; फिल 4:5; 1ती 6:9, 10; इब्र 13:5
ये भी देखें: “पैसा”