प्रतिज्ञात देश से दृश्य
यरूशलेम बाइबलीय घटनाओं का केंद्र
जबकि अधिकतम राष्ट्रों की एक राजधानी होती है जो प्रमुख शहर जिस में सरकार का केंद्र है, बाइबल विद्यार्थी यरूशलेम को मानव जाति की राजधानी के रूप में मानते होंगे। यह इसलिए है, क्योंकि वहाँ जो महत्त्वपूर्ण बातें घटित हुई, वे हम सभों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
ऊपर आप वह दृश्य देख रहे हैं, जो आपको तब देखने को मिलता अगर आप यरूशलेम के दक्षिण की ओर एक ऊँची ज़मीन पर से देखते।a दो घाटियाँ वहाँ मिलती हैं, जहाँ गहरे-हरे रंग के पेड़ों का जो स्थल है। दहिनी ओर से किद्रोन घाटी आती है; पश्चिम या बायी ओर हिन्नोम की घाटी है, जिसमें बाइबलीय गिहन्ना आती है। (मत्ती १०:२८; २३:३३) बीच में (अस्तित्व रखनेवाली दीवारों के सामने के उजला क्षेत्र में दिखायी दे रहा है) वह स्थल है जहाँ दाऊद का प्राचीन नगर बनाया गया था। इन दीवारों के भीतर, एक ऐतिहासिक क्षेत्र में, दो सुस्पष्ट मुस्लिम इमारतें हैं। दीवार के सब से नज़दीक एक मस्जिद का रजत-नीली गुम्बद है, और उसके पीछे उससे बड़ा डोम ऑफ द रॉक का स्वर्ण गुम्मट है।
लेकिन यरूशलेम, और विशेष रूप से वह समतल इलाका जहाँ वे दो गुम्मटाकार इमारतें खड़े हैं, आपके लिए क्यों अर्थ रखता है? खैर, मेढ़ा का एक झाड़ में फँसने का चित्र आपको कौन-सा बाइबलीय वृत्तान्त याद दिलाता है? शायद इब्राहीम का। जी हाँ, वही था जो अपने पुत्र इसहाक के साथ मोराया पर्वत की ओर यात्रा की थी, जो प्रत्यक्षतः उस चटानी टीला के पास या निकट था, जहाँ आप वे दो गुम्मट देख रहे हैं। विश्वास के कारण, इब्राहीम अपने प्रिय पुत्र का बलिदान करने के लिए तैयार था लेकिन एक स्वर्गदूत ने उसका हाथ रोका। फिर इब्राहीम ने “एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में बझा हुआ” पाया और “अपने पुत्र की सन्ती” उसका बलिदान किया। इसलिए यरूशलेम को देखना आपको इस प्रभावशाली घटना की याद दिला सकता है।—उत्पत्ति २२:१-१३.
दूसरे बलिदान तब सामने आए जब सुलैमान ने एक शानदार मन्दिर बनवाया ठीक वहीं कहीं जहाँ अब वे गुम्मटाकार इमारते हैं। (२ इतिहास ३:१) कल्पना करने की कोशिश कीजिए कि कैसे देश के सभी भागों से वार्षिक त्योहारों के लिए उनकी अपनी पशु बलियों के साथ इस्राएली आ रहे हैं। इन में सब से समारोही प्रायश्चित का दिन था। उस दिन एक बकरे को चुना जाता है और उसे “अजाजेल के लिए जंगल में छोड़ा” जाता था, सम्भवतः नीचे किद्रोन घाटी में और फिर दक्षिण पूर्वी यहूदिया की बंजर भूमि में। एक और बकरी और साँड़ काटे जाते थे और उनके लोहू को पुरोहितों और लोगों के प्रायश्चित के लिए किए गए बलिदानों में उपयोग किए जाते थे। कुछ लोहू तो परदे के भीतर अति पवित्र स्थान में भी लिया जाता था। इसलिए आप नगर के इस चित्र को मन में रखते हुए देख सकते हैं।—लैव्यव्यवस्था १६:१-३४.
यरूशलेम के सभी बलिदान यीशु मसीह के सम्पूर्ण बलिदान की ओर निर्दिष्ट कर रहे थे। पृथ्वी पर अपनी आखरी रात को, जो करीबन पूर्णिमा का समय था, यीशू अपने शिष्यों के साथ अन्तिम मान्य फसह मनाने के लिए एकत्रित हुए। यह एक ऊपरी कमरे में था, और सोचा गया है कि यह मन्दिर के क्षेत्र की बायीं (पश्चिम) ओर, नगर के एक ऊपरी भाग में था। प्रभू के संध्या भोज को स्थापित करने के बाद उसने प्रेरितों को जैतून पहाड़ पर ले गया, जो किद्रोन घाटी के पार था, मन्दिर के पूरब (दक्षिण) की ओर।—लूका २२:१४-३९.
इसे मन में स्पष्ट रूप से देखने में सहायता के रूप में, नीचे दिए गए चित्र देखिए, जो यरूशलेम के भीतर से पूरब की ओर देखते हुए लिया गया, सम्बवतः उस क्षेत्र से जहाँ यीशु ने प्रभु के संध्या भोज मनाया था। यहाँ से आप, नीचे बायीं ओर, मस्जिद जो उस मन्दिर के क्षेत्र में है, उसकी गुम्मट (चाँदनी में नीलाभ) देख सकते हैं। और अधिक पूरब की ओर किद्रोन की घाटी है (दृष्टि सीमा के नीचे) और फिर गेतसमेने के बगीचे के झाड़। ऊपर दक्षिण की ओर जैतून पहाड़।
चाँद अप्रैल १०, १९९० को करीब करीब पूर्ण होगा, जब सारी दुनिया के यहोवा के गवाहों की मण्डलियाँ प्रभु के संध्या भोज के लिए मिलेंगे [सूर्यास्त के बाद], जो यीशु की बलि मृत्यु के स्मरण के लिए है।b कृपया वहाँ मौजूद रहें। उस दिन आप, यरूशलेम में या उसके चारों ओर केंद्रित घटनाओं पर मनन करना चाहेंगे जो यीशु का अपनी आत्मा मृत्यु में दे देने से सम्बन्धित है। इस तरह, यीश ने यहोवा की धार्मिकता को सिद्ध किया और विश्वासी मानव जाति को पाप और मरण से छुटकारा दिया।—१ कुरिन्थियों ११:२३-२६; इब्रानियों ९:११-२८.
[फुटनोट]
a यहोवा के गवाहों के १९८९ कैलेंडर में यह चित्र बड़े साईज़ में है।
b प्रभु के संध्या भोज को मनाने के लिए समय की गणना से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए द वॉचटावर, जून १५, १९७७, पृष्ठ ३८३ दखें।
[पेज 26 पर चित्र का श्रेय]
Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.
Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.