वे बधिरों को खुशखबरी सुनाते हैं
“वे आपको आध्यात्मिक बातें सिखाते हैं!” यह बात हाल ही में, एक वृद्धाश्रम के निर्देशक ने यहोवा के साक्षियों के बारे में कही थी। स्पेन के मेड्रिड शहर में, नावालकार्नेरो इलाके में बसे इस आश्रम का नाम है, ‘रोसास डेल कामीनो।’ यहोवा के साक्षी यहाँ रहनेवालों से मिलने के लिए लगातार आते हैं। मगर उस निर्देशक ने साक्षियों के बारे में ऐसा क्यों कहा?
दरअसल, इस आश्रम के ज़्यादातर लोग बधिर हैं। फिर भी, यहोवा के साक्षी उनसे बात कर पाते हैं, क्योंकि साक्षियों ने बहुत मेहनत करके स्पैनिश साइन लैंग्वेज सीखी है। आश्रम के निर्देशक ने साक्षियों की तारीफ इसलिए की क्योंकि वे अपना समय निकालकर ऐसे लोगों को बाइबल के आदर्श सिखाते हैं जिन्हें इस खास मदद की ज़रूरत है। और यह सारा काम वे मुफ्त में करते हैं। निर्देशक ने देखा है कि राज्य के सुसमाचार का आश्रम के लोगों पर अच्छा असर पड़ रहा है। यही नहीं, आश्रम के लोग भी, खासकर वे जो न ठीक से सुन सकते हैं और ना देख सकते हैं, साक्षियों के आने की बहुत कदर करते हैं।
आश्रम में रहनेवालों में से एक बुज़ुर्ग का नाम है, यूलोहीओ। उसकी देखने और सुनने की शक्ति खत्म हो चुकी है। आजकल वह यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन कर रहा है। एक दिन अध्ययन के दौरान, एक उम्रदराज़ आदमी वहाँ आया और अध्ययन चलानेवाले साक्षी के हाथ में उसने एक कविता थमा दी। यह कविता आश्रम के रहनेवालों ने तैयार की थी, जिसमें उन्होंने साक्षियों के लिए अपनी एहसानमंदी ज़ाहिर की थी। कविता का शीर्षक था, “एक साक्षी होना।” इस कविता की चंद लाइनें यूँ हैं: “वे जीते हैं अच्छी ज़िंदगी और रहते हैं अनुशासन से, उन्होंने बुद्धि जो पायी है यहोवा से। वे बार-बार लोगों के दरवाज़े हैं खटखटाते, क्योंकि यहोवा पर भरोसा जो करते।”
जी हाँ, यहोवा पर भरोसा होने की वजह से ही दुनिया-भर में रहनेवाले बहुत-से साक्षियों ने साइन लैंग्वेज सीखी है ताकि वे अपने देश के बधिरों की मदद कर सकें। इस तरह साक्षी, बधिरों को बाइबल से ऐसा संदेश सुनाते हैं जिससे उन्हें जीने का हौसला मिलता है और उनमें उम्मीद की किरण जागती है।