यीशु मसीह उसका संदेश और आप
“मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन पाएँ और बहुतायत में पाएँ।”—यूहन्ना 10:10.
यीशु मसीह इस धरती पर कुछ लेने नहीं बल्कि देने आया था। उसने अपनी सेवा के ज़रिए मानवजाति को एक ऐसा तोहफा दिया, जिसकी कीमत नहीं आँकी जा सकती। वह तोहफा क्या है? वह है उसका संदेश जिसमें उसने परमेश्वर और उसकी मरज़ी के बारे में सच्चाई बयान की। जो इंसान यह संदेश सुनता है और इसके मुताबिक कदम उठाता है वह आज भी बेहतर ज़िंदगी का लुत्फ उठा सकता है। लाखों सच्चे मसीही इस बात के गवाह हैं।a मगर यीशु के संदेश का खास पहलू था, उसका सिद्ध जीवन जो उसने हमारी खातिर दे दिया। यह पूरे जहान का सबसे नायाब तोहफा है। हमारा भविष्य इसी बात पर टिका है कि हम यह तोहफा कबूल करते हैं या नहीं।
परमेश्वर और मसीह ने क्या दिया यीशु जानता था कि वह दुश्मनों के हाथों दर्दनाक मौत मरेगा। (मत्ती 20:17-19) फिर भी गौर कीजिए कि उसने यूहन्ना 3:16 में क्या कहा, जिस आयत के शब्दों से लगभग सभी वाकिफ हैं। उसने कहा: “परमेश्वर ने दुनिया से इतना ज़्यादा प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास दिखाता है, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।” यीशु ने यह भी कहा कि वह धरती पर इसलिए आया ताकि “बहुतों की फिरौती के लिए अपनी जान बदले में दे।” (मत्ती 20:28) उसने ऐसा क्यों कहा कि वह अपनी जान देगा, न कि उसकी जान ली जाएगी?
परमेश्वर का प्यार बेजोड़ है। इसी प्यार के उभारे जाने पर उसने इंसानों को विरासत में मिले पाप और उसके अंजामों से, यानी असिद्धता और मौत से छुटकारा दिलाने का इंतज़ाम किया। उसने अपने इकलौते बेटे को धरती पर भेजा, ताकि वह अपना जीवन बलिदान कर सके। यीशु ने खुशी-खुशी परमेश्वर की आज्ञा मानी और हमारी खातिर अपना सिद्ध जीवन दे दिया। यह इंतज़ाम फिरौती कहलाता है और यह परमेश्वर की तरफ से इंसानों के लिए सबसे नायाब तोहफा है।b इसी तोहफे की बदौलत हमें हमेशा की ज़िंदगी मिल सकती है।
आपको क्या करने की ज़रूरत है फिरौती का तोहफा आपके लिए है या नहीं, यह आप पर निर्भर करता है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण लीजिए: फर्ज़ कीजिए, कोई आपको एक तोहफा देता है। मगर यह तोहफा आपका तभी होगा, जब आप हाथ बढ़ाकर उसे लेंगे। उसी तरह, यहोवा आपको फिरौती का तोहफा पेश करता है, मगर यह आपका तभी हो सकता है जब आप आगे बढ़कर इसे कबूल करेंगे। आप यह कैसे कर सकते हैं?
यीशु ने कहा कि जो लोग उस पर ‘विश्वास दिखाते हैं,’ वे हमेशा की ज़िंदगी पाएँगे। विश्वास दिखाने में आपके जीने का तरीका शामिल है। (याकूब 2:26) इसलिए यीशु पर विश्वास दिखाने का मतलब है, उसने जो कहा और किया, उसके मुताबिक ज़िंदगी जीना। इसके लिए आपको यीशु मसीह और उसके पिता को अच्छी तरह जानना होगा। यीशु ने कहा: “हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए ज़रूरी है कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर का और यीशु मसीह का, जिसे तू ने भेजा है, ज्ञान लेते रहें।”—यूहन्ना 17:3.
आज से करीब 2,000 साल पहले यीशु मसीह ने जो संदेश सुनाया, उससे दुनिया के लाखों लोगों की ज़िंदगी सँवर गयी है। क्या आप उस संदेश के बारे में और जानने चाहेंगे? क्या आप यह भी जानना चाहेंगे कि आप और आपका परिवार उस संदेश से न सिर्फ आज, बल्कि हमेशा-हमेशा के लिए कैसे फायदा पा सकते हैं? यहोवा के साक्षियों को आपकी मदद करने में बेहद खुशी होगी।
आगे के लेखों में आपको यीशु मसीह के बारे में और भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा। जी हाँ, उस इंसान के बारे में, जिसके संदेश से आपकी ज़िंदगी भी हमेशा-हमेशा के लिए बदल सकती है। (w10-E 04/01)
[फुटनोट]
a मसीह होने का दावा करनेवाले तो बहुत-से हैं, मगर सभी सच्चे मसीही नहीं हैं। मसीह के सच्चे चेले वे हैं, जो परमेश्वर और उसकी मरज़ी से जुड़ी यीशु की शिक्षाओं के मुताबिक जीते हैं।—मत्ती 7:21-23.
b बाइबल फिरौती (या छुड़ौती) के बारे में जो सिखाती है, उस बारे में ज़्यादा जानने के लिए बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 5 देखिए। इसका शीर्षक है, “छुड़ौती—परमेश्वर का सबसे नायाब तोहफा।” इस किताब को यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।