पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?
क्या हर इंसान की हिफाज़त के लिए एक स्वर्गदूत होता है?
बाइबल यह नहीं सिखाती कि हर इंसान की हिफाज़त के लिए एक-एक स्वर्गदूत है। एक बार यीशु ने कहा, “ध्यान रहे कि तुम इन छोटों [यीशु के शिष्यों] में से किसी को भी तुच्छ न समझो। मैं तुमसे कहता हूँ कि इनके स्वर्गदूत हमेशा स्वर्ग में मेरे पिता के सामने मौजूद रहते हैं।” (मत्ती 18:10) यहाँ उसके कहने का यह मतलब नहीं था कि हर व्यक्ति की हिफाज़त के लिए एक स्वर्गदूत ठहराया गया है। यीशु बस यह कह रहा था कि स्वर्गदूतों को उसके हर शिष्य में गहरी दिलचस्पी है। इस वजह से परमेश्वर के उपासकों को यह सोचकर कभी बेवजह अपनी जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए कि स्वर्गदूत आकर उन्हें बचा लेंगे।
क्या इसका यह मतलब है कि स्वर्गदूत इंसानों की कोई मदद नहीं करते? नहीं, ऐसा नहीं है। (भजन 91:11) कुछ लोगों को तो पूरा यकीन है कि परमेश्वर ने स्वर्गदूतों के ज़रिए उनकी हिफाज़त की और उन्हें सही राह दिखायी। पहले लेख में ज़िक्र किए गए केनट को भी यही लगा। हम दावे के साथ तो नहीं कह सकते, पर हो सकता है कि उसका मानना सही हो। जब यहोवा के साक्षी लोगों को परमेश्वर के बारे में बताते हैं, तो कई बार उन्हें लगता है कि स्वर्गदूत उनकी मदद कर रहे हैं। हम स्वर्गदूतों को देख नहीं सकते, इसलिए यह तो नहीं कहा जा सकता कि परमेश्वर उनके ज़रिए किस हद तक लोगों की मदद करता है। लेकिन वह हमारी जैसे भी मदद करता है, उसके लिए हम उसका धन्यवाद ज़रूर कर सकते हैं।—कुलुस्सियों 3:15; याकूब 1:17, 18.