सुसमाचार को सकारात्मक मनोवृत्ति से प्रस्तुत करना
हम सभी अपने कार्य में आनन्द और उपलब्धि पाना चाहते हैं, विशेषकर शिष्य बनाने के कार्य में। क्या बात हमें ऐसी संतुष्टि देती है? यह दूसरों की मदद करने के उपयुक्त कार्य में हमारे व्यस्त रहते वक़्त एक सकारात्मक मनोवृत्ति बनाए रखने से शुरू होती है। (नीति. ११:२५) सुसमाचार को प्रस्तुत करने के हमारे तरीक़े से यह दिखना चाहिए कि हम जो कह रहे हैं उस पर हम सचमुच विश्वास रखते हैं। अगर हम अपने हृदय से बोलें, तो हमारी निष्कपटता और व्यक्तिगत दृढ़-विश्वास और भी स्पष्ट दिखेंगे। (लूका ६:४५) अपनी प्रस्तुति का पूर्वाभ्यास करने के द्वारा, हम क्षेत्र में लोगों से बात करते वक़्त ज़्यादा विश्वस्त महसूस करेंगे। यह विशेषकर सितम्बर के दौरान महत्त्वपूर्ण होगा जब हम अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना या आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं पुस्तक पेश करते हैं। आप सुसमाचार को सकारात्मक मनोवृत्ति से प्रस्तुत करने में शायद निम्नलिखित सुझावों को सहायक पाएँ।
२ “पारिवारिक” पुस्तक पेश करते वक़्त, आप अपनी पहली भेंट में यह कह सकते हैं:
◼“अपने पड़ोसियों से बात करते वक़्त, हमने पाया है कि अनेक लोग अपने परिवारों के भविष्य के बारे में चिन्तित हैं। वे पाते हैं कि उनके आसपास के लोग जिन अप्रिय गुणों को अकसर दर्शाते हैं उनसे उनके परिवारों पर असर होता है, यहाँ तक कि उनकी हानि भी होती है। क्या आपने ध्यान दिया है कि अनेक लोग ये मनोवृत्तियाँ दर्शाते हैं? [२ तीमुथियुस ३:२, ३ पढ़िए और प्रतिक्रिया के लिए रुकिए] यह संकेत करते वक़्त कि अनेक लोग ऐसे होंगे, बाइबल इस पर भी व्यावहारिक सलाह देती है कि कैसे हमारे चारों ओर की समस्याओं के बावजूद हम एक मज़बूत और सुखी परिवार बना सकते हैं।” पारिवारिक पुस्तक के पृष्ठ १८२ पर शुरू होनेवाले अनुच्छेद ५ और ६ से चुने हुए वाक्य पढ़िए और दिखाइए कि उपयुक्त निर्देशों से, हम एक अनन्त भविष्य रखनेवाला परिवार बना सकते हैं। २० रुपए के चंदे पर इस पुस्तक को पेश कीजिए।
३ उन लोगों से भेंट करने के लिए लौटते वक़्त जिनसे आपने परिवार के भविष्य की चर्चा की थी, आप शायद यह कहना चाहें:
◼“मेरी पिछली भेंट में हमने इस बारे में बात की थी कि हम कैसे एक मज़बूत परिवार बना सकते हैं जो अपने चारों ओर की समस्याओं का सामना कर सकता है। मज़बूत परिवार बनाने का एक तरीक़ा है अच्छा संचार सुनिश्चित करना। संचार को एक परिवार की जीवनशक्ति कहा गया है। इस सम्बन्ध में बाइबल की सलाह पर ध्यान दीजिए।” बाइबल से अथवा पारिवारिक पुस्तक के पृष्ठ ३४ से नीतिवचन १८:१३ और २०:५ पढ़िए। बताइए कि यह पुस्तक बाइबल में पायी जानेवाली शाश्वत बुद्धि का व्यावहारिक अनुप्रयोग करती है। प्रत्येक पृष्ठ पर नीचे दिए गए प्रश्नों की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए और दिखाइए कि इस पुस्तक का अध्ययन कैसे किया जा सकता है। अगली भेंट के लिए समय लीजिए।
४ “सर्वदा जीवित रहना” पुस्तक पेश करते वक़्त आप शायद इस प्रस्तुति का प्रयोग करें:
◼“इस पड़ोस में लोगों से बात करते वक़्त, मैं ने देखा है कि अधिकांश लोग एक सुरक्षित समुदाय और एक शान्तिपूर्ण संसार के लिए तरसते हैं। आपका विचार क्या है कि मनुष्य ऐसी परिस्थितियों को प्राप्त करने में विफल क्यों रहा है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] कुछ नेता शायद ईमानदार हों और कुछ भला करें, लेकिन ध्यान दीजिए कि बाइबल बुद्धिमत्तापूर्वक क्या सलाह देती है।” भजन १४६:३, ४ पढ़िए; फिर पूछिए: “क्या कोई है जो मनुष्य की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है?” आयत ५ और ६ पढ़िए। सर्वदा जीवित रहना पुस्तक के पृष्ठ १५६ से १६२ के चित्र दिखाइए, और परमेश्वर के शासन के लाभों की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए। पुस्तक पेश कीजिए।
५ अगर परमेश्वर के शासन पर पहले चर्चा हुई थी, तो आप पुनःभेंट पर इस सुझाव का प्रयोग कर सकते हैं:
◼“जब मैं कुछ दिन पहले यहाँ आया था, हमने पृथ्वी पर सच्ची शान्ति लाने की मनुष्य की विफलता के बारे में चर्चा की थी। आपको शायद याद हो कि बाइबल ऐसी विफलता के लिए जो कारण देती है उसे हमने ढूँढ निकाला था। [भजन १४६:३ फिर से पढ़िए।] क्या आपने ध्यान दिया कि परमेश्वर क्यों हमें सलाह देता है कि मनुष्यों पर अपनी आशाएँ न लगाएँ? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] शायद आप सहमत हों कि एक स्थायी समाधान के लिए कोई भी आशा परमेश्वर की ओर से आनी चाहिए। ऐसा विश्वास होने का कारण भजन १४६:१० में समझाया गया है। [पढ़िए।] अगर हम परमेश्वर के राज्य का एक नागरिक होना चाहते हैं, तो हमें क्या करना चाहिए?” सर्वदा जीवित रहना पुस्तक का पृष्ठ २५० खोलिए, अनुच्छेद २ पढ़िए, और इब्रानियों ११:६ को विशिष्ट कीजिए। यह प्रदर्शित करने की पेशकश कीजिए कि बाइबल के अध्ययन से, कैसे लाखों ने उस ज्ञान को प्राप्त किया है जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है। वापस आने का प्रबन्ध कीजिए।
६ दुकान से दुकान कार्य करते वक़्त, आप शायद “पारिवारिक” पुस्तक के साथ इस संक्षिप्त तरीक़े का प्रयोग करें:
◼“आज हम समुदाय के व्यापार से जुड़े लोगों को एक ख़ास सेवा प्रदान कर रहे हैं। हम सभी अपने क्षेत्र में तलाक़ और बाल-अपराध की बढ़ोतरी से चिन्तित हैं। क्या आपको लगता है कि इन प्रवृत्तियों को सफलतापूर्वक रोकने का कोई तरीक़ा है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] इसके समाधान हैं।” पारिवारिक पुस्तक में विषय-सूची खोलिए और कुछ अध्यायों के शीर्षक पढ़िए। समझाइए कि इस पुस्तक में दी गयी सलाह मानव तत्वज्ञान पर आधारित नहीं है बल्कि एक उच्चतर स्रोत, मानवजाति के सृष्टिकर्ता द्वारा प्रदान किए गए समाधानों पर आधारित है। पुस्तक पेश कीजिए।
७ किसी व्यापारी से पुनःभेंट करते वक़्त जिसे आपने “पारिवारिक” पुस्तक दी थी, आप शायद यह कहें:
◼“मेरी पिछली भेंट में, मैं ने ज़िक्र किया था कि अनेक पारिवारिक समस्याओं को, परिवार में मुखियापन के प्रति अधीनता, संचार, प्रशिक्षण और अनुशासन जैसे मामलों पर परमेश्वर की सलाह को मानने के द्वारा हल किया जा सकता है।” पृष्ठ ५ पर पहले अनुच्छेद को खोलिए और एक सुखी परिवार के कुछ लाभ क्या हैं उन्हें पढ़िए। बताइए कि इस पुस्तक का अध्ययन करने से अनेकों-अनेक परिवार सुखी हुए हैं, और इस पुस्तक को अध्ययन करने का हमारा तरीक़ा समझाइए। उनके व्यापार-स्थल पर या उनके घर में नियमित रूप से भेंट करने की पेशकश कीजिए, और इस पुस्तक से निःशुल्क अध्ययन संचालित कीजिए।
८ ‘परमेश्वर के सहकर्मियों’ के रूप में, हमारे पास सुसमाचार को प्रस्तुत करते वक़्त सकारात्मक होने का हर कारण है। (१ कुरि. ३:९) आइए हम गृहस्वामी की ज़रूरतों के अनुसार भिन्न प्रस्तुतियाँ और प्रकाशन प्रयोग करने के बारे में सकारात्मक हों। हमारा ऐसी मनोवृत्ति रखने का परिणाम यहोवा की प्रचुर आशीष होगा।