पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग अप्रै.-जून
“हम हर रोज़ दुःख-तकलीफ, बीमारी और मौत के बारे में सुनते हैं। क्या आपको लगता है कभी ऐसा वक्त आएगा, जब यह सब खत्म होगा? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या आप एक ऐसी आयत पर गौर करना चाहेंगे, जिसने लाखों लोगों के दिलों में आशा की किरण जगायी है? [अगर वह ‘हाँ’ कहे, तो यूहन्ना 3:16 पढ़िए। पेज 23 पर दिया लेख दिखाइए।] इस लेख का विषय है, ‘यीशु की मौत से आपको छुटकारा कैसे मिल सकता है?’”
सजग होइए! अप्रै.-जून
“आज धर्म के नाम पर इतने बुरे काम किए जा रहे हैं कि कई लोग पूछते हैं, क्या परमेश्वर को ऐसे काम मंज़ूर हैं। इस बारे में आपका क्या कहना है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको एक आयत पढ़कर सुना सकता हूँ, जो इस बारे में परमेश्वर का नज़रिया बताती है? [जवाब के लिए रुकिए। अगर वह ‘हाँ’ कहे, तो अपनी बात जारी रखिए और मरकुस 7:7 पढ़िए।] एक इंसान उस सच्चाई को कैसे जान सकता है जो परमेश्वर ज़ाहिर करता है? [पेज 25 पर दिया लेख दिखाइए।] यह लेख इन सवालों के जवाब देती है।”
प्रहरीदुर्ग जुला.-सितं.
“कई लोग कहते हैं कि वे सिर्फ आँखों देखी चीज़ों पर ही विश्वास करते हैं। क्या आप भी ऐसा ही मानते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको पवित्र-शास्त्र से एक आयत दिखा सकता हूँ? [अगर घरमालिक ‘हाँ’ कहे, तो रोमियों 1:20 पढ़िए।] यह पत्रिका परमेश्वर के तीन गुणों पर चर्चा करती है, जिन्हें हम सृष्टि में बखूबी देख सकते हैं, और यह भी बताती है कि उन गुणों के बारे में जानने से हम पर कैसा असर हो सकता है। अगर आपको इस विषय में दिलचस्पी है, तो मैं यह पत्रिका आपको देना चाहूँगा।”
सजग होइए! जुला.-सितं.
“कई लोग सोचते हैं कि दुनिया के हालात इतने बुरे क्यों हैं? क्या मैं आपको एक भविष्यवाणी पढ़कर सुना सकता हूँ, जो बहुत पहले हमारे ज़माने के लिए लिखी गयी थी? [अगर वह ‘हाँ’ कहे, तो 2 तीमुथियुस 3:1-4 पढ़िए।] अंतिम दिनों के बारे में ज़्यादा जानकारी लेने की हमारे पास एक अच्छी वजह है। वह यह कि इनका होना दिखाता है कि धरती पर अच्छे दिन आनेवाले हैं। इस पत्रिका में समझाया गया है कि यह कैसे होगा।”