जीएँ मसीहियों की तरह
शराब के मामले में सोच-समझकर काम लीजिए
हर मसीही को शराब के मामले में संयम बरतना चाहिए। (नीत 23:20, 29-35; 1कुर 6:9, 10) अगर एक मसीही पीना चाहे, तो उसे हद में रहकर पीना चाहिए। उसे शराब का इतना आदी नहीं होना चाहिए कि वह उसके बिना रह न पाए और उसे देखकर दूसरों को ठोकर लगे। (1कुर 10: 23, 24; 1ती 5:23) हमें शराब पीने के लिए किसी के साथ ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए, खासकर बच्चों को।
जाम के सोचिए अंजाम बोर्डवाला कार्टून देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए:
शराब के मामले में सभी मसीहियों को सरकार के कानून क्यों मानने चाहिए?—रोम 13:1-4
अगर कोई हमें पीने के लिए ज़बरदस्ती करे, तो हमें क्यों मना कर देना चाहिए?— रोम 6:16
शराब के बुरे अंजामों से हम कैसे बच सकते हैं?