जीएँ मसीहियों की तरह
“जो कुछ तुम्हारे पास है उसी में संतोष करो”
अगर हम गरीब हैं तो हम कुछ ऐसा करने के लिए लुभाए जा सकते हैं, जिससे यहोवा के साथ हमारी दोस्ती कमज़ोर पड़ सकती है। जैसे, हमें शायद खूब पैसा कमाने का मौका मिले। अगर हम पैसे कमाने में लग जाएँ, तो यहोवा की सेवा करना हमारे लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए इब्रानियों 13:5 में लिखी बात पर मनन करने से हम सही फैसला ले पाएँगे।
“तुम्हारे जीने का तरीका दिखाए कि तुम्हें पैसे से प्यार नहीं”
प्रार्थना कीजिए, फिर ध्यान से सोचिए कि पैसा आपके लिए कितना ज़रूरी है। यह भी सोचिए कि इस मामले में आप अपने बच्चों के लिए क्या उदाहरण रख रहे हैं।—सज 10/15 पेज 6.
“जो कुछ तुम्हारे पास है उसी में संतोष करो”
अगर आपकी ख्वाहिशें आपकी ज़रूरत बन रही हैं, तो अपनी सोच बदलिए।—प्र16.07 पेज 7 पै 1-2.
“मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा, न कभी त्यागूँगा”
यहोवा पर भरोसा रखिए कि अगर आप उसके राज को पहली जगह देते रहेंगे, तो वह आपको अपनी ज़रूरतें पूरी करने में मदद देगा।—प्र14 4/15 पेज 21 पै 17.
हमारे भाई-बहन किस तरह सच्ची शांति पा रहे हैं—आर्थिक तंगी में वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल का जवाब दीजिए:
भाई मिगेल नोवोआ से आपने क्या सीखा?