बाइबल का दृष्टिकोण
लोग जादू-विद्या में क्यों उलझते है?
“डायन।” यह शब्द सुनते ही आपके मन में कैसी तस्वीर उभरती है? डरावनी औरतों की जो जादू-विद्या के सहारे दूसरों को नुकसान पहुँचाती हैं या बदचलन औरतों की जो शैतान की पूजा करती हैं? सच है कि पुराने ज़माने में ऐसी ही औरतों को जादू-विद्या से जोड़ा जाता था। मगर आजकल तो हर तरह के लोग इस विद्या में उलझ रहें हैं। इनमें वकील, नर्स, टीचर, लेखक जैसे इज़्ज़तदार लोग भी शामिल हैं। आज दुनिया-भर में, बहुत से पुराने धर्मों को फिर से ज़िंदा करने की कोशिश की जा रही है, जिनका संबंध सीधे-सीधे जादू-विद्या से है। इनमें से कुछ धर्मों में प्रकृति की पूजा की जाती है क्योंकि इनके माननेवाले विश्वास करते हैं कि पृथ्वी और इसमें पाई जानेवाली हर जीवित वस्तु में परमेश्वर का ही अंश है। इसके अलावा इनमें ऐसे धर्म भी हैं जो इसाई धर्म शुरू होने से भी सदियों पहले पाये जाते थे। इनके माननेवाले प्राचीन देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए जादू-विद्या का सहारा लेते हैं।a रूस देश का एक पुलिस अफसर कहता है, “आजकल रूस में जादू-विद्या में पड़ना आम बात हो गई है, कहीं भी जाओ वहाँ आपको कोई-न-कोई ज़रूर मिल जायेगा।” और तो और, अमरीका में करीब ५० हज़ार से ३ लाख लोगों ने इस विद्या को अपनाया है जिनमें से कुछ वीका-धर्म के माननेवाले हैं।
आज “विच” या जादूगरी करनेवालों के बारे में लोगों के विचार अलग-अलग हैं। आज की जादू-विद्या में तीन चीज़ें शामिल हैं। देवियों की पूजा करना, प्रकृति की पूजा करना और भूत-प्रेतों से मदद लेना। इस विद्या के अनुयायी चाँद के बढ़ने-घटने की स्थिति, मौसम के परिवर्तन, और प्रकृति की अद्भुत घटना को ध्यान में रखते हुए अकेले में तंत्र-मंत्र करते हैं। और कुछ लोग कोवन यानी १३ लोगों की टोली बनाकर पूजा-पाठ और तंत्र-मंत्र करते हैं।
यूरोप के मध्य-युग (५००-१५०० सा. यु.) में जादूगरी में शामिल होनेवालों को ज़िन्दा जला दिया जाता था। लेकिन आज लोगों का विचार बदल चुका है। फिर भी कहीं-कहीं पर तो आज भी जादू-विद्या अपनानेवालों को मारा-पीटा जाता है और कई बार तो उनका कत्ल कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए, इंडोनेशिया में छुरेबाज़ों के एक दल ने अक्तूबर १९९८ में १५० से ज़्यादा लोगों को कत्ल कर दिया। उन्हें शक था कि ये सब लोग “विच” यानी जादूगर हैं। दक्षिण अफ्रीका में सन् १९९० से १९९८ तक जादू-विद्या अपनानेवालों के साथ हुए हादसों की करीब २,००० रिपोर्टें की गईं, जिनमें ५७७ हत्याओं की रिपोर्टे थीं। इससे साफ ज़ाहिर होता है कि एक तरफ कुछ लोग जादू-विद्या में उलझना पसंद करते हैं और दूसरी तरफ कुछ लोग इससे नफरत करते हैं। लेकिन इस विषय में मसीहियों को क्या करना चाहिए?
ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश
आज लोग जादू-विद्या में क्यों उलझ रहें हैं? इसकी एक वज़ह बताते हुए लोग दावा करते हैं कि जादू-विद्या के द्वारा वे प्रकृति और जीवन के लिए आदर दिखाते हैं। इसीलिए कुछ लोग यह समझाने की कोशिश करते हैं कि वे अपने पूजा-पाठ में जानवरों की बलि नहीं चढ़ाते। और कुछ कहते है कि जादू-विद्या ऐसे लोगों को ढूँढ़ने का एक ज़रिया है जिनसे वे दोस्ती कर सकें, खुलकर बात-चीत कर सकें, उन पर विश्वास कर सकें और जिनके आध्यात्मिक विचार भी मिलते-जुलते हों। जादू-विद्या करनेवाली एक औरत कहती है, “जिन लोगों को मैं जानती हूँ जो इस विद्या में भाग लेते है, वे बड़े ही मिलनसार और दोस्ताना हैं . . .वे सब बहुत अच्छे हैं।” इसके अलावा बहुत-से लोग इस बात से साफ इनकार करते हैं कि शैतान के साथ उनका कोई ताल्लुक है क्योंकि उन लोगों का दावा है कि उनके धर्म में ऐसा कोई देवी-देवता नहीं है जो दुष्ट हो।
लोगों की यह ख्वाहिश होती है कि परमेश्वर के बारे में उन्हें सही-सही ज्ञान मिले जिसे बड़े-बड़े धर्म पूरा करने में नाकाम रहे हैं। यही खास वज़ह है कि बहुत से लोग निराश होकर जादू-विद्या की शरण में जा रहे हैं। वीका-धर्म में फिलिस क्युरॉत नाम की बहुत बड़ी पण्डिताइन, अपने ग्रुप के बारे में बताते हुए कहती है, “बचपन में हम जिस धर्म में थे, उसकी शिक्षाओं और रिवाज़ों से हम तंग आ चुके थे।” वह आगे कहती है, ‘इसलिए हम वीका-धर्म में जादू-विद्या के द्वारा परमेश्वर के बारे में खोजबीन करने लगे।’ लेकिन क्या जादू-विद्या से हम सच्चे परमेश्वर के बारे में जान सकते हैं?
सच्चे परमेश्वर के बारे में कहाँ से जाने?
बाइबल में साफ-साफ बताया गया है कि सिर्फ एक सच्चा परमेश्वर है, और वही पूरे जहान का राजा है, और उसका नाम यहोवा है। (भजन ७३:२८; १पतरस १:१५, १६; प्रकाशितवाक्य ४:११) परमेश्वर चाहता है कि हर इंसान उसको ढूँढ़े और ‘पा जाएं।’ (प्रेरितों १७:२७) इसलिए अगर हम परमेश्वर के बारे में जानना चाहते हैं तो यकीनन हमें सच्चे परमेश्वर यहोवा के बारे में सही-सही ज्ञान लेना होगा। और ऐसा तभी हो सकता है जब हम उसके वचन यानी पवित्र बाइबल को ध्यान से पढ़ें और उसका अध्ययन करें। बाइबल का एक लेखक याकूब कहता है, “परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा।”—याकूब ४:८.
परमेश्वर का वचन हमें इस बात से सावधान करता है कि बहुत-सी शिक्षाओं या विद्याओं के पीछे दुष्ट आत्माओं का हाथ होता है। (१यूहन्ना ४:१) इसके अलावा वह यह भी बताता है कि दुनिया-भर में, लोगों को इन झूठी शिक्षाओं से घुमराह करनेवाला, यहोवा का सबसे बड़ा शत्रु शैतान और उसके साथी पिशाच हैं।b बाइबल के अनुसार, शैतान ने अधिकतर लोगों की “बुद्धि . . . अन्धी कर दी है।” ताकि वह ‘सारे संसार को भरमा सके।’ इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो जादू-विद्या का सहारा लेते हैं, चाहे वे शैतान की पूजा करने का दावा करें या ना करें। हम ऐसा क्यों कहते हैं?—२कुरिन्थियों ४:४; प्रकाशितवाक्य १२:९.
जादू-विद्या में बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिनका संबंध शैतानवाद से या उसके धूर्त रूपों से है। यहाँ तक की बहुत-से भोले-भाले लोग सिर्फ जिज्ञासा की वज़ह से इस विद्या में उलझ जाते हैं। लेकिन इसका यह नतीजा होता है कि वे शैतान के चंगुल में आ जाते हैं।
हमें इस हकीकत से मुँह नहीं मोड़ना चाहिए कि अकसर लोग कुछ अनोखी शक्ति पाने या किसी से बदला लेने के लिए जादू-विद्या को अपनाते हैं। जादू-विद्या में फँसनेवाली, जैनिफर कहती है, “ऐसे कई लोग हैं जो खुद को “विच” या जादूगर कहते हैं, मगर दूसरों को नुकसान पहुँचाने में अपनी जादुई शक्ति का इस्तेमाल करते हैं।” इस विद्या को अपनाने की चाहे जो भी वज़ह हो, मगर सच बात यह है कि इसमें फँसनेवाले पूरी तरह से शैतान और उसके पिशाचों के वश में हो जाने के खतरे में रहते हैं। ऐसे लोग भी जो पिशाचों (दुष्ट आत्माओं) के अस्तित्व में होने से इनकार करते हैं वे बड़ी आसानी से शैतान के फँदे में फँसते हैं।—१कुरिन्थियों १०:२०, २१ से तुलना कीजिए।
बाइबल कहती है, शकुन-विद्या, टोटका, जादू-टोना, वशीकरण, और मरे हुए लोगों से बातचीत करने की कोशिश, जैसे कामों से हमें एकदम दूर रहना चाहिए। बाइबल में साफ-साफ लिखा है, “जितने ऐसे ऐसे काम करते हैं वे सब यहोवा के सम्मुख घृणित हैं।” (व्यवस्थाविवरण १८:१०-१२) बेशक, मसीही ऐसे काम करना चाहते हैं, जिससे सबकी “भलाई” हो। उन्होंने प्रचार-काम के द्वारा बहुत-से लोगों को परमेश्वर के बारे में सच्चाई सिखाकर, भूत-प्रेतों (पिशाचों) के हर तरह के फँदों से छुड़ाने में मदद की है। (गलतियों ६:१०; प्रेरितों १६:१४-१८) इसके अलावा, सच्चे मसीही न तो झूठे-धर्म से कोई संबंध रखते हैं, और ना ही किसी प्रकार की जादू-विद्या में भाग लेते हैं।—२कुरिन्थियों ६:१५-१७.
[फुटनोट]
a दी अमेरिकन हेरिटेज कॉलेज डिक्शनरी के अनुसार वीका-धर्म की शुरुआत पश्चिम यूरोप में ईसाई धर्म के आने से पहले हुई थी। और इसमें प्राकृतिक चीज़ों की पूजा की जाती थी।
b सजग होइए! पत्रिका में “बाइबल का दृष्टिकोण” नामक लेख में ऐसे सवालों के जवाब दिए जाते हैं, जैसे “क्या इबलीस सचमुच में है?” (जनवरी ८, १९९०, पेज १२-१३, अंग्रेज़ी) और “क्या पिशाच अस्तित्त्व में हैं?” (मई ८, १९९८, पेज १८-१९)
[पेज 24 पर चित्र का श्रेय]
Picture Book of Devils, Demons and Witchcraft/Ernst and Johanna Lehner/Dover