इंटरनेट की दुनिया में नन्हे कदम माता-पिता क्या कर सकते हैं?
माता-पिता होने के नाते, आपको किस बात से ज़्यादा घबराहट होगी, इस बात से कि आपके बच्चे के पास गाड़ी की चाबी है या इससे कि वह बेरोकटोक इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकता है? देखा जाए तो इन दोनों बातों में कुछ खतरे शामिल हैं। साथ ही, गाड़ी चलाने और इंटरनेट इस्तेमाल करने में समझ-बूझ से काम लेने की ज़रूरत होती है। माता-पिता अपने बच्चों को गाड़ी चलाने से तो हमेशा नहीं रोक सकते, लेकिन वे इस बात का ध्यान ज़रूर रख सकते हैं कि उनके बच्चे सावधानी से गाड़ी चलाना सीखें। उसी तरह, कई माँ-बाप अपने बच्चों को इंटरनेट का सावधानी से इस्तेमाल करना सिखाते हैं। इसी सिलसिले में आगे दिए बाइबल के सिद्धांत काफी मददगार साबित होंगे।
“सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं।” (नीतिवचन 13:16) जो बच्चे इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, उनके माता-पिताओं को इंटरनेट के बारे में बुनियादी जानकारी होनी चाहिए। साथ ही, उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि उनके बच्चे इंस्टंट मैसेज, वेब पेज, या फिर दूसरी इंटरनेट सेवाओं का कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं। दो बच्चों की माँ मारशे कहती है: “यह मत सोचिए कि आपकी सीखने की उम्र पार हो चुकी है या आपमें इतना ज्ञान नहीं कि आप इंटरनेट के बारे में सीख सकें। इसके बजाय, टेकनॉलजी के बारे में ताज़ा-तरीन जानकारी रखने की कोशिश कीजिए।”
‘तू अपने घर की छत पर आड़ के लिए मुण्डेर बनाना, ताकि उस पर से कोई न गिरे।’ (व्यवस्थाविवरण 22:8) इंटरनेट सेवा उपलब्ध करानेवाली कंपनियाँ शायद ऐसा इंतज़ाम करने की पेशकश करें, जो ‘मुण्डेर’ का काम करता है। यानी, यह इंतज़ाम गलत किस्म के संदेश या तसवीरों को स्क्रीन पर आने से रोकता है। यही नहीं, यह लोगों को खतरनाक वेब साइटों पर जाने से भी रोकता है। इस तरह की सुविधा, कुछ कंप्यूटर प्रोग्राम में भी पायी जाती है। और-तो-और, कुछ प्रोग्राम ऐसे हैं, जो बच्चों को अपनी निजी जानकारी, जैसे नाम और पता देने से रोकते हैं। मगर फिर भी, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ऐसे प्रोग्राम सभी गलत किस्म की जानकारी को कंप्यूटर स्क्रीन पर आने से नहीं रोकते। और हाँ, कई नौजवान जो कंप्यूटर के मामले में माहिर होते हैं, वे इस तरह के प्रोग्रामों को चकमा देना सीख जाते हैं।
“जो अपने आप को दूसरों से अलग करता है, वह अपनी ही लालसा पूरी करना चाहता है। वह सब प्रकार की खरी बुद्धि से बैर करता है।” (नीतिवचन 18:1, NHT) संयुक्त राज्य में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, 9 से 19 साल के लगभग 20 प्रतिशत बच्चों के सोने के कमरे में कंप्यूटर है, जिसके ज़रिए वे इंटरनेट पर जाते हैं। अगर कंप्यूटर घर की बैठक या खुली जगह में रखा जाए, तो अच्छा होगा। इससे माता-पिता अपने बच्चों पर नज़र रख पाएँगे कि वे इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं। वे बच्चों को खतरनाक साइटों पर जाने से भी रोक पाएँगे।
“ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर [यानी समय] को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।” (इफिसियों 5:15,16) तय कीजिए कि आपके बच्चे कब और कितनी देर इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हैं। और यह भी कि वे किस तरह की साइटों पर जा सकते हैं और किस तरह की साइटों पर नहीं। आप जो नियम बनाते हैं, उनके बारे में अपने बच्चों के साथ चर्चा कीजिए और उन्हें इस तरह समझाइए कि वे नियम उनके मन में बैठ जाएँ।
बेशक, जब बच्चे घर से बाहर होते हैं, तो आप माता-पिता उन पर नज़र नहीं रख सकते। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपने बच्चों को अच्छे उसूल सिखाएँ, ताकि वे आपकी गैर-हाज़िरी में भी सही चुनाव कर सकें।a (फिलिप्पियों 2:12) अपने बच्चों को साफ-साफ बताइए कि अगर वे इंटरनेट इस्तेमाल करने के बारे में बनाए आपके नियम तोड़ेंगे, तो उन्हें क्या सज़ा मिलेगी। फिर ये नियम लागू कीजिए।
“[एक अच्छी माँ] अपनी गृहस्थी के सब मामलों पर ध्यान रखती [है]।” (नीतिवचन 31:27, NHT) जब भी आपके बच्चे इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, उन पर नज़र रखिए और इस बारे में उन्हें पहले से बताकर रखिए। ऐसा करना, उनकी निजी बातों में दखल देना नहीं है। आखिर, इंटरनेट एक ऐसी जगह है जहाँ सभी लोग अपनी-अपनी राय देने के लिए इकट्ठा होते हैं। अमरीका के ‘फेड्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन’ (एफ.बी.आई.) यह सुझाव देता है कि माता-पिताओं को अपने बच्चों के इंटरनेट अकाउंट के बारे में पता होना चाहिए, उन्हें समय-समय पर बच्चों के ई-मेल की जाँच करनी चाहिए और यह भी कि वे किन वेब साइटों पर गए हैं।
“विवेक [“सोचने-समझने की काबिलीयत,” NW] तुझे सुरक्षित रखेगा; और समझ तेरी रक्षक होगी; ताकि तुझे बुराई के मार्ग से, और उलट फेर की बातों के कहनेवालों से बचाए।” (नीतिवचन 2:11,12) इंटरनेट के खतरों से अपने बच्चों की हिफाज़त करने के लिए, सिर्फ उन पर नज़र रखना काफी नहीं। आपको उन्हें अच्छे उसूल सिखाने और खुद एक बढ़िया मिसाल रखने की भी ज़रूरत है। इसलिए वक्त निकालकर अपने बच्चों के साथ इंटरनेट के खतरों के बारे में चर्चा कीजिए। बच्चों से खुलकर बातचीत करना, उन्हें इंटरनेट के खतरों से बचाने का सबसे बेहतरीन तरीका है। टॉम नाम का पिता, जो एक मसीही भी है, कहता है: “हमने अपने दोनों बेटों को बताया कि इंटरनेट पर कैसे-कैसे ‘बुरे’ लोग आते हैं। हमने उन्हें यह भी बताया कि पोर्नोग्राफी क्या है और इससे उन्हें क्यों दूर रहना चाहिए। और यह भी कि उन्हें क्यों कभी किसी अजनबी से बात नहीं करनी चाहिए।”
आप अपने बच्चों की हिफाज़त कर सकते हैं
इंटरनेट के खतरों से अपने बच्चों की हिफाज़त करना, बड़ी मेहनत का काम है। और-तो-और, मीडिया से जानकारी हासिल करने के तरीके भी लगातार बदल रहे हैं। आज टेकनॉलजी की बदौलत जो नए-नए उपकरण बनते हैं, उनके कई अनोखे फायदे हो सकते हैं। मगर ये अपने साथ बच्चों के लिए ढेरों खतरे भी लेकर आते हैं। तो फिर, माता-पिता अपने बच्चों को इन खतरों से बचने के लिए कैसे तैयार कर सकते हैं? बाइबल कहती है: ‘बुद्धि रक्षा करती है।’—सभोपदेशक 7:12, ईज़ी-टू-रीड वर्शन।
अपने बच्चों को बुद्धिमान बनना सिखाइए। साथ ही, उन्हें यह समझने में मदद दीजिए कि वे कैसे इंटरनेट का सही इस्तेमाल कर सकते हैं और उसके खतरों से दूर रह सकते हैं। इस तरह इंटरनेट आपके बच्चों के लिए एक अभिशाप नहीं, बल्कि वरदान साबित होगा। (g 10/08)
[फुटनोट]
a माता-पिताओं को याद रखना चाहिए कि बहुत-से नौजवान मोबाइल फोन, वीडियो गेम की मशीनों वगैरह के ज़रिए भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
[पेज 16 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
संयुक्त राज्य में, 9 से 19 साल के 57 प्रतिशत बच्चे, जो हफ्ते में एक बार इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, पोर्नोग्राफी की साइटों पर गए हैं। लेकिन सिर्फ 16 प्रतिशत बच्चों के माता-पिताओं को इस बात की खबर है
[पेज 17 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
विशेषज्ञों का मानना है कि हर दिन तकरीबन 7,50,000 बदचलन लोग चैट रूम और डेटिंग सेवाओं में ऐसे बच्चों की खोज करते हैं, जिन्हें वे अपनी हवस का शिकार बना सकते हैं
[पेज 17 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
अमरीका में 12 से 17 साल के 93 प्रतिशत नौजवान इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं
[पेज 16,17 पर तसवीर]
क्या आप अपने बच्चों को इंटरनेट का समझ-बूझ के साथ इस्तेमाल करना सिखा सकते हैं?