कहानी 75
चार बुद्धिमान लड़के
राजा नबूकदनेस्सर उन सभी इस्राएलियों को बाबुल ले गया, जो सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे थे। फिर उसने उनमें से सबसे खूबसूरत और होशियार लड़कों को चुना। चार को तो आप इस तसवीर में ही देख सकते हैं। इनमें एक का नाम दानिय्येल है और बाकी तीनों को बाबुल के लोग शद्रक, मेशक और अबेदनगो कहकर बुलाते थे।
नबूकनेस्सर चुने हुए लड़कों को और सिखाना-पढ़ाना चाहता था, ताकि वे उसके लिए काम कर सकें। तीन साल की पढ़ाई के बाद वह सबसे होशियार लड़कों को चुनता। राजा चाहता था कि सब लड़के तगड़े और तंदुरुस्त हों। इसलिए उसने अपने नौकरों को हुक्म दिया कि सारे लड़कों को वही बढ़िया खाना दिया जाए, जो उसके और उसके परिवार के लिए बनता है।
ज़रा यहाँ, जवान दानिय्येल को देखिए। वह नबूकदनेस्सर के सबसे बड़े नौकर अशपनज से बात कर रहा है। पता है वह क्या कह रहा है? दानिय्येल कह रहा है कि हम वह खाना नहीं खाना चाहते, जो राजा खाते हैं। यह बात सुनकर अशपनज परेशान हो गया। उसने कहा: ‘तुम्हारा खाना-पीना सब राजा ने तय किया है। और अगर तुम बाकी लड़कों की तरह हट्टे-कट्टे नहीं दिखे, तो वह मुझे मौत के घाट उतार देगा।’
तब दानिय्येल उस रखवाले के पास गया, जिसे अशपनज ने उसकी और उसके तीन दोस्तों की देखभाल करने का काम सौंपा था। दानिय्येल ने उस रखवाले से कहा: ‘आप हमें दस दिन तक खाने में सिर्फ सब्ज़ियाँ और पीने के लिए सिर्फ पानी दीजिए। फिर देखिए कि कौन ज़्यादा अच्छा दिखता है, हम या वे लड़के जो राजा का दिया खाना खाते हैं।’
रखवाला, दानिय्येल की बात मान गया। जब 10 दिन पूरे हुए, तो दानिय्येल और उसके तीन दोस्त वाकई दूसरे लड़कों से ज़्यादा तंदुरुस्त दिख रहे थे। इसलिए रखवाले ने फिर उन्हें खाने के लिए वह सब नहीं दिया जो राजा ने कहा था। इसके बजाय, वह उन्हें सिर्फ साग-सब्ज़ी देने लगा।
तीन साल के बाद सारे लड़कों को नबूकदनेस्सर राजा के सामने पेश किया गया। राजा ने सारे लड़कों से बात करने पर पाया कि दानिय्येल और उसके तीन दोस्तों की बराबरी का कोई नहीं है। वे सबसे ज़्यादा बुद्धिमान थे। इसलिए राजा ने उन्हें अपनी मदद के लिए महल में रख लिया। जब भी राजा कोई सवाल या किसी समस्या का हल पूछता था, तो दानिय्येल, शद्रक, मेशक और अबेदनगो झट-से जवाब दे देते थे। राजा के किसी भी पुजारी या बुद्धिमान आदमी के मुकाबले वे 10 गुना ज़्यादा अक्लमंद थे।