एक किताब जिसे बदनाम किया गया है
“अपनी धुरी पर और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की दोहरी गति का सिद्धांत झूठा है, और पवित्र शास्त्र के बिलकुल विपरीत है।” रोमन कैथोलिक चर्च की काँग्रीगेशन ऑफ़ दी इंडॆक्स ने १६१६ में एक आदेश-पत्र में ऐसा कहा।१ क्या बाइबल वास्तव में वैज्ञानिक सच्चाइयों से असहमत है? या क्या उसे ऐसा कहकर बदनाम किया गया है?
सन् १६०९/१० की सर्दियों में, गालीलेओ गालीलॆ ने अपने नव-निर्मित टॆलॆस्कोप का रुख़ आकाश की ओर किया और बृहस्पति ग्रह की परिक्रमा करते चार चाँद ढूँढ़ निकाले। उसने जो देखा उससे यह प्रचलित धारणा पूरी तरह ख़त्म हो गयी कि आकाश के सभी पिंड पृथ्वी का चक्कर काटते हैं। उससे पहले, १५४३ में, खगोलज्ञ नीकोलाउस कॉपरनिकस ने सिद्धांत पेश किया था कि ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। गालीलेओ ने पुष्टि की कि यह वैज्ञानिक सत्य है।
लेकिन, कैथोलिक धर्मशास्त्रियों के लिए यह विधर्म था। चर्च का बहुत पहले से यह विश्वास रहा था कि पृथ्वी विश्वमंडल का केंद्र है।२ यह विचार शास्त्रवचनों की शाब्दिक व्याख्या पर आधारित था, जिनमें पृथ्वी का वर्णन यूँ किया गया है, “तू ने पृथ्वी को उसकी नीव पर स्थिर किया है; ताकि वह कभी न डगमगाए।” (भजन १०४:५) रोम में बुलाए जाने पर गालीलेओ धर्माधिकरण के सामने पेश हुआ। उससे निर्दयता से पूछताछ की गयी, उसे अपनी खोज से मुक़रने के लिए मजबूर किया गया और अपना बाक़ी जीवन उसने नज़रक़ैद में बिताया।
१९९२ में, गालीलेओ की मौत से कुछ ३५० साल बाद, कैथोलिक चर्च ने आख़िरकार स्वीकार किया कि वह सही था।३ लेकिन अगर गालीलेओ सही था, तो क्या बाइबल ग़लत थी?
बाइबल लेखांशों का सही अर्थ ढूँढ़ना
गालीलेओ बाइबल को सच मानता था। जब उसके वैज्ञानिक शोध बाइबल की अमुक आयतों की प्रचलित व्याख्या के विरुद्ध थे, तो उसने तर्क किया कि धर्मशास्त्री इन लेखांशों का सही अर्थ समझने से चूक रहे थे। आख़िरकार, “दो सच्चाइयाँ कभी एक दूसरे के विरुद्ध नहीं हो सकतीं,” उसने लिखा।४ वह यह कह रहा था कि विज्ञान के सुनिश्चित शब्द, बाइबल की आम भाषा के विरुद्ध नहीं हैं। लेकिन धर्मशास्त्री इस पर विश्वास नहीं करना चाहते थे। उन्होंने हठ किया कि बाइबल में पृथ्वी के बारे में सारे कथन शाब्दिक अर्थ में लिए जाने हैं। इसके परिणामस्वरूप, न केवल उन्होंने गालीलेओ के शोध ठुकरा दिए बल्कि वे इन शास्त्रीय अभिव्यक्तियों के सही अर्थ को समझने से भी चूक गए।
असल में, जब बाइबल “पृथ्वी के चारों कोनों” का ज़िक्र करती है, तो हमारे सहज ज्ञान से हमें पता चलना चाहिए कि उसका अर्थ यह नहीं है कि बाइबल लेखक पृथ्वी को वास्तव में चौकोर समझते थे। (प्रकाशितवाक्य ७:१) बाइबल आम लोगों की भाषा में लिखी गयी है, और अकसर सजीव काव्यालंकारों का प्रयोग करती है। सो जब वह कहती है कि पृथ्वी के ‘चार कोने’ हैं, एक स्थिर “नेव,” और एक “कोने का पत्थर” है, तो बाइबल पृथ्वी का एक वैज्ञानिक वर्णन नहीं दे रही; स्पष्ट है कि वह लाक्षणिक रीति से बोल रही है, जैसे हम अकसर रोज़मर्रा की बातचीत में करते हैं।a—यशायाह ५१:१३; अय्यूब ३८:६.
अपनी किताब गालीलेओ गालीलॆ में, जीवनी-लेखक एल. गेमोनात ने कहा: “संकीर्ण मन के धर्मशास्त्री जो बाइबल के तर्क का आधार लेकर विज्ञान को सीमित करना चाहते थे, वे बाइबल को बदनाम करने के अलावा और कुछ नहीं करते थे।”५ वे यही करते हैं। असल में, धर्मशास्त्रियों द्वारा दी गयी बाइबल की व्याख्या ने विज्ञान पर अनुचित प्रतिबंध लगाए—स्वयं बाइबल ने नहीं।
उसी तरह, आज धार्मिक मूलतत्त्ववादी बाइबल के अर्थ को तोड़ते-मरोड़ते हैं जब वे बलपूर्वक यह कहते हैं कि पृथ्वी २४ घंटे के छः दिनों में सृजी गयी थी। (उत्पत्ति १:३-३१) यह विचार न तो विज्ञान से सहमत है न बाइबल से। बाइबल में, जैसे रोज़मर्रा की भाषा में होता है, शब्द “दिन” के विभिन्न अर्थ हैं, जो अलग-अलग लंबाई की समय-अवधियों को व्यक्त करते हैं। उत्पत्ति २:४ में, सृष्टि के सभी दिनों का ज़िक्र, सबको समाविष्ट करनेवाले एक “दिन” के रूप में किया गया है। बाइबल में “दिन” अनुवादित इब्रानी शब्द का अर्थ बस “एक लंबी समयावधि” भी हो सकता है।६ सो, इस बात पर बल देने का कि सृष्टि का हर दिन २४ घंटे का था, कोई बाइबलीय कारण नहीं है। कुछ और सिखाकर, मूलतत्त्ववादी बाइबल को बदनाम करते हैं।—२ पतरस ३:८ भी देखिए।
सारे इतिहास में, धर्मशास्त्रियों ने अकसर बाइबल के अर्थ को तोड़ा-मरोड़ा है। कुछ और तरीक़ों को लीजिए जिनसे मसीहीजगत के धर्मों ने बाइबल जो कहती है उसे ग़लत तरीक़े से समझाया है।
धर्म द्वारा बदनाम की गयी
जो कहते हैं कि वे बाइबल पर चलते हैं और उसे पवित्र मानने का दावा करते हैं उनके काम अकसर उस किताब के अच्छे नाम पर कीचड़ उछालते हैं। नाममात्र मसीहियों ने परमेश्वर के नाम पर एक दूसरे का लहू बहाया है। लेकिन, बाइबल मसीह के चेलों को समझाती है ‘आपस में प्रेम रखो।’—यूहन्ना १३:३४, ३५; मत्ती २६:५२.
कुछ पादरी अपनी भेड़ों को लूटते हैं, उनकी खून-पसीने की कमाई बहला-फुसलाकर ले लेते हैं—जो इस शास्त्रीय आदेश से बिलकुल अलग है: “तुमने मुफ़्त पाया है, मुफ़्त में दो।”—मत्ती १०:८, NHT; १ पतरस ५:२, ३.
स्पष्ट है, बाइबल को सिर्फ़ उसका हवाला देनेवालों या उसके अनुसार जीने का दावा करनेवालों की कथनी और करनी के अनुसार आँका नहीं जा सकता। इसलिए खुले विचारोंवाला एक व्यक्ति शायद ख़ुद खोज करना चाहे कि बाइबल में क्या-क्या है और क्यों यह इतनी असाधारण किताब है।
[फुटनोट]
a उदाहरण के लिए, आज शब्दों को उनके अर्थ अनुसार लेनेवाले खगोलज्ञ भी सूर्य, सितारों और तारामंडलों के “चढ़ने” और “डूबने” की बात कहेंगे—लेकिन, असल में, वे केवल पृथ्वी की परिक्रमा के कारण आते-जाते प्रतीत होते हैं।
[पेज 4 पर तसवीर]
गालीलेओ के दो टॆलॆस्कोप
[पेज 5 पर तसवीर]
गालीलेओ धर्माधिकारियों का सामना करते हुए