मिस्र से वादा किए गए देश तक सफर
मिस्र से इस्राएलियों के निकलने की कहानी, दुनिया भर में मशहूर है। मगर मूसा और परमेश्वर के लोगों को लाल सागर पार करने के बाद किन-किन हालात से गुज़रना पड़ता? इसे पार करने के बाद, वे किस दिशा में चले और वादा किए देश में कदम रखने से पहले वे यरदन नदी तक कैसे पहुँचे?
इस्राएलियों की मंज़िल थी, कनान देश। लेकिन मूसा उन्हें छोटे रास्ते से नहीं ले गया, जो तकरीबन 400 किलोमीटर लंबा था और भूमध्य सागर के रेतीले तट के किनारे-किनारे निकलता था। वजह यह थी कि वह रास्ता सीधे उनके दुश्मनों के इलाके, पलिश्तीन से गुज़रता था। मूसा, इस्राएलियों को सीनै प्रायद्वीप के बीच के विशाल इलाके से भी नहीं ले गया, जहाँ कंकड़ और चूना-पत्थर से बने पठार, चिलचिलाती धूप से तपते रहते हैं। इसके बजाय, मूसा उनको तटवर्ती संकरे मैदानी रास्ते से दक्षिण की ओर ले गया। उन्होंने अपना पहला पड़ाव, मारा नाम की जगह में डाला जहाँ यहोवा ने कड़वे पानी को मीठे पानी में बदल दिया था।a फिर वे एलीम आए और वहाँ से निकलने के बाद, वे भोजन के लिए कुड़कुड़ाने लगे। तब परमेश्वर ने उनके खाने के लिए बटेर बरसायीं और फिर मन्ना दिया। रपीदीम पहुँचने पर उन्होंने पानी को लेकर फिर से बखेड़ा खड़ा किया, वहीं पर हमला करनेवाले अमालेकियों को हराया और मूसा के ससुर ने उसे काबिल आदमियों की मदद लेने की सलाह दी।—निर्ग, अध्या. 15-18.
इसके बाद, मूसा इस्राएलियों को दक्षिण की ओर आगे पहाड़ों की तरफ ले गया और उन्होंने सीनै पर्वत के पास डेरा डाला। वहीं पर यहोवा की प्रजा को कानून-व्यवस्था दी गयी, उन्होंने उपासना का तंबू बनाया और बलिदान चढ़ाए। दूसरे साल में, वे एक “बड़े और भयानक जंगल” से होते हुए उत्तर की ओर गए।b कादेश (कादेशबर्ने) के इलाके तक पहुँचने में उन्हें शायद 11 दिन लगे। (व्यव 1:1, 2, 19; 8:15) जब दस जासूसों ने लोगों को निराश करनेवाली खबर दी, तो वे खौफ खाने लगे और इस वजह से उन्हें 38 साल भटकना पड़ा। (गिन 13:1–14:34) वे अपने सफर में कई जगहों पर रुके, जिनमें से दो जगहें थीं, अब्रोना और एस्योनगेबेर। इसके बाद वे फिर कादेश लौट आए।—गिन 33:33-36.
आखिरकार, जब इस्राएलियों के लिए वादा किए गए देश में पहुँचने का समय आ गया, तो वे सीधे उत्तर की तरफ नहीं बढ़े। वे एदोम देश के बीचवाले इलाके का चक्कर काटते हुए राजा की सड़क यानी “राज-मार्ग” से उत्तर की ओर बढ़े। (गिन 21:22, NHT; व्यव 2:1-8) वह सड़क आज के ज़माने के जैसा कोई राजमार्ग नहीं था, और ना ही पूरी जाति के लिए इस रास्ते से पैदल चलकर जाना आसान था, क्योंकि उनके साथ बच्चे, मवेशी, तंबू और दूसरी कई चीज़ें थीं। उन्हें घुमावदार रास्ते से, जेरेद और अर्नोन (लगभग 520 मीटर गहरी) नाम की तंग और गहरी घाटियों में उतरना था, और फिर चढ़ाई चढ़कर उनसे बाहर निकलना था।—व्यव 2:13, 14, 24.
आखिरकार इस्राएली नबो पर्वत के पास पहुँच गए। कादेश में मरियम की और होर पर्वत के पास हारून की मौत हो चुकी थी; और मूसा ने उस देश के पास दम तोड़ा जिसमें जाने के लिए वह तरस रहा था। (व्यव 32:48-52; 34:1-5) अब इस्राएलियों को वादा किए गए देश में ले जाने की ज़िम्मेदारी, यहोशू के कंधों पर आ गयी और इस तरह वह सफर खत्म हुआ जो 40 साल पहले शुरू हुआ था।—यहो 1:1-4.
[फुटनोट]
a इस्राएलियों ने ज़्यादातर पड़ाव ठीक-ठीक किन जगहों पर डाले थे, इसकी जानकारी नहीं है।
b कुछ बाइबल अनुवादों में ‘सीन नाम वीराने’ (निर्ग 16:1; 17:1; गिन 33:9-15) और ‘ज़िन नाम वीराने’ (NW) (गिन 13:21; 20:1; 27:14; 33:36; 34:3, 4; व्यव 32:51; यहो 15:1, 3) में फर्क नहीं दिखाया गया है। पेज 9 पर दिया नक्शा देखिए।
[पेज 9 पर नक्शा]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
कारवाँ का रास्ता
इस्राएलियों ने जो रास्ता लिया
क7 मिस्र
क5 रामसेस?
ख5 सुक्कोत?
ग5 एताम?
ग5 पीहारीरोत
घ6 मारा
घ6 एलीम
च6 सीन नाम वीराना
च7 दोपका
छ8 रपीदीम
छ8 सीनै पर्वत (होरेब)
छ8 सीनै नाम वीराना
छ7 किब्रोथत्तावा
ज7 हसेरोत
ज6 रिम्मोनपेरेस
ज5 रिस्सा
ज3 कादेश
ज3 बने-याकन
ज5 होर्हग्गिदगाद
झ5 योतबाता
झ5 अब्रोन
झ6 एस्योनगेबेर
ज3 कादेश
ज3 ज़िन नाम वीराना
झ3 होर पर्वत
झ3 सलमोना
ट3 पूनोन
ट3 अबारीम
ट2 मोआब
ट1 दीबोन
ट1 अल्मोनदिबलातैम
झ1 यरीहो
[दूसरी जगहें]
क3 गाशेन
क4 ओन
क5 मेम्फिस (नोप)
ख3 सोअन
ख3 तहपन्हेस
ग5 मिगदोल
घ3 शूर
घ5 एताम नाम वीराना
छ5 पारान नाम वीराना
ज1 पलिश्तीन
ज1 अशदोद
ज2 अज्जा
ज2 बेर्शेबा
ज3 अस्मोन
ज3 नेगेब
झ1 यरूशलेम
झ1 हेब्रोन (किर्यतर्बा)
झ2 अराद (कनानी)
झ4 सेईर
झ4 एदोम
ट7 मिद्यान
मुख्य सड़कें
पलिश्तियों के देश को जानेवाला रास्ता
शूर जानेवाला रास्ता
ट4 राजा की सड़क
कारवाँ का रास्ता
एल हज रास्ता
[पहाड़]
छ8 सीनै पर्वत (होरेब)
झ3 होर पर्वत
ट1 नबो पर्वत
[सागर/खाड़ी]
च2 भूमध्य सागर (महासागर)
घ7/ज7 लाल सागर
ट1 खारा ताल
[नदियाँ और प्रवाह]
क6 नील नदी
छ3 मिस्र नदी
ट2 अर्नोन
ट3 जेरेद
[पेज 8 पर तसवीर]
लोग अपने कारवाँ के साथ सीनै का इलाका पार करते हुए
[पेज 8 पर तसवीर]
इस्राएलियों ने सीनै पर्वत के आगे डेरा डाला
[पेज 9 पर तसवीर]
कादेश में या उसके पासवाले झरनों से पानी मिल सकता था
[पेज 9 पर तसवीर]
पूरी इस्राएल जाति को अर्नोन नदी की घाटी पार करनी पड़ी